मायावती ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संकीर्ण और साम्प्रदायिक सोच को देश के तमाम लोगों पर थोपना चाहती है। इसी वजह से जनहित की आड़ में ग़ैर-जरूरी नये-नये विवादित मुद्दों को खड़ा कर रही है।
महोबा में तीन तलाक के विरोध में पीएम मोदी के बयान को मायावती ने घिनौनी राजनीति बताया है। मायावती ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पीएम इस तरह के मुद्दों को उठाकर समाज को बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अपना भारत ”अनेकता में एकता” की एक अलग पहचान रखने वाला देश है।
लोग सदियों से अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपने-अपने रीति-रिवाज, परम्पराओं में विश्वास रखकर जीवन बसर करते चले आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन्हीं सारी बातों के मद्देनज़र बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश के संविधान में इसकी व्यवस्था की। साथ ही मज़हबी आज़ादी को प्रमुखता दी, जिस कारण अपने देश का संविधान दुनिया का अनुपम संविधान बना।
मायावती ने कहा कि भाजपा ने पहले ”गौरक्षा” के नाम पर देश भर में मुस्लिम समाज के लोगों पर खुलेआम ज़ुल्मो सितम ढ़ाए। फिर उसी ”गौरक्षा” के नाम पर दलितों को भी अपना शिकार बनाया। नमो ब्रिगेड के ज़ुल्म की चर्चा करते हुए मायावती ने गुजरात का बर्बर उना और बनासकांठा काण्ड सहित हरियाणा के मेवात का ”बिरयानी उत्पीड़न” और दादरी काण्ड जैसी दर्दनाक घटनाओं को याद किया।
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