भोपाल सेंट्रल जेल जहां से पिछले सप्ताह सिमी के आठ सदस्य भागे थे और कुछ ही घंटे बाद मार गिराए गए उस दिन जेल के लगभग 80 गार्ड ‘नदारद थे दरअसल ये गार्ड जेल के अलग अलग स्थानों पर तैनात थे लेकिन उस दिन यह गार्डो की ड्यूटी वीआईपी जगहों पर तैनात कर दी गई थी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जेलमंत्री कुसुम मेहदाले पूर्व जेलमंत्रियों जेल अधिकारियों के घर तथा कार्यालय
और यहां तक कि जेल मुख्यालय में भी इन गार्डो को तैनात किया गया.
लेकिन सेंट्रल जेल कही जाने वाली कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाली राज्य की सबसे सुरक्षित जेल में मौजूद लगभग 3,300 कैदियों के लिए यहां सिर्फ 139 गार्ड हैं।
जेलों की प्रभारी जेलमंत्री कुसुम मेहदाले ने कहा, मुझे लगता है, आप बात को बढ़ा-चढ़ाकर कह रहे है और कहा की मेरे पास एक ड्राइवर है, और दो लोग मेरे कार्यालय में हैं मुझे बाकियों का नहीं पता, लेकिन वह नहीं हो सकता, जो आप कह रहे हैं लेकिन मैं फिर भी जांच करूंगी
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के छोर पर बनी सेंट्रल जेल में गार्ड के लिए 250 पद हैं, जिनमें से 31 रिक्त हैं. इन गार्डों में से 70 ट्रेनी हैं। पर उस दिन आठ कैदियों को टंगक्लीनर, चादरों, और बर्तनों की मदद से फरार हो जाने को देखते हुए यह हिसाब काफी चिंताजनक है।
दीवाली की रात को आठ कैदियों ने टंगक्लीनरों से बनी चाबियों की मदद ली, स्टील की पैनाई हुई प्लेटों से एक गार्ड का गला रेत दिया, और दूसरे गार्ड को चादर की रस्सी बना कर बांध दिया और फिर चादरों को जोड़कर 35 -35 फुट ऊंची दो दीवारें फांदकर फरार हो गए। यह तथ्य चकराने वाले हैं कि इन हरकतों पर किसी की नज़र क्यों नहीं पड़ी इसके बाद वे कैदी जेल से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक गांव की तरफ पैदल ही गए, और बाद में पुलिस ने मुठभेड़ में सभी को मार गिराया।
इसके बाद सामने आए मुठभेड़ के वीडियो की वजह से कार्रवाई पर कई सवालिया निशान लगे, जिन्हें देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने एक पूर्व जज द्वारा जेलब्रेक तथा मुठभेड़ की जांच करवाने के आदेश दे दिए हैं।
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