मेनस्ट्रीम मीडिया हो या सोशल मीडिया का गलियारा। हर जगह पहले यही बात सामने आई कि अर्णव गोस्वामी ने टाइम्स नाऊ चैनल के एडिटर इन चीफ पद से खुद अलग होने का फैसला किया। नया चैनल खोलने के लिए इस्तीफा दिया।
मगर अंग्रेजी वेबसाइट जनता का रिपोर्टर ने टाइम्स नाऊ के कुछ पत्रकारों से बात कर अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अर्णव खुद नहीं निकले बल्कि उन्हें निकलने के लिए मालिक विनीत जैन ने मजबूर कर दिया। वजह था एडिटर गोस्वामी और मालिक विनीत जैन के बीच इगो की प्राब्लम।
दरअसल सीमा पर लगातार नापाक हरकतों के चलते जब पाकिस्तानी कलाकारों को बालीवुड में बैन करने का मुद्दा गरम चल रहा था, तब अर्णव गोस्वामी ने डिबेट आयोजित की। संयोग से उस दिन टाइम्स नाऊ चैनल के मालिक विनीत जैन ने एक ट्वीट कर पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध को अनुचित ठहराया था।
कहा था कि अगर पाकिस्तानी कलाकारों को तनाव की स्थिति में भी भारत में काम करने का मौका दिया जाए, उन्हें मान-सम्मान दिया जाए तो पाकिस्तान को भारत दुनिया में आसानी से अलग-थलग कर सकता है। जब अर्णव की डिबेट फुलस्पीड में थी और अर्णव पूरी तरह से राष्ट्रवादी मुद्रा अख्तियार कर गरमागरम बहस कर प्रतिबंध का विरोध करने वालों को लताड़ रहे थे.
तब एक डिबेटर ने कहा-पत्रकार महोदय आप यह राग अलाप रहे हैं जरा अपने मालिक विनीत जैन का ट्वीट तो पढ़िए। वे इस मुद्दे पर आपसे विपरीत राय रख रहे हैं। पहले तो अर्णव ने डिबेट में यह बात नजरअंदाज कर दी। मगर डिबेटर भी कम खुराफाती नहीं रहे।
उन्होंने तीन से चार बार यही बात कही कि अर्णव आपके मालिक भी पाकिस्तानी कलाकारों का समर्थन कर रहे हैं। इस पर अर्णव भड़क गए। उन्होंने दो टूक कहा कि मेरे विचार स्थिर हैं। मैं किसी दूसरे के विचारों से प्रभावित नहीं होता। जो मेरा मानना है वही टाइम्स नाऊ का मानना है। आप विषय से मत भटकिए। जो मैं कह रहा हूं, वह सुनिए।
चैनल से भी खुद को बड़ा ब्रांड समझने लगे अर्णव, सूत्र बताते हैं कि जब ऑन एयर अपने विचारों की अपने ही चैनल के एडिटर की ओर से धज्जियां उड़ते विनीत जैन ने देखा तो उन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ। इसके अलावा मालिक विनीत जैन को लगा कि अर्णव गोस्वामी खुद को चैनल से भी बड़ा ब्रांड मान बैठे हैं। इस नाते औकात में लाने के लिए इन्हें बॉय-बॉय कर देना चाहिए
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