वेनेज़ुएला की सरकार ने देश में लागू की गयी नोटबंदी को वापिस ले लिया है। सरकार ने नोटबंदी का फ़ैसला काले धन और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए किया था लेकिन इस फ़ैसले के बाद देश में बुरी तरह से अराजकता फैल गयी और पहले से ही कमज़ोर अर्थव्यवस्था बदतर हो गयी।
अचानक किये गए फ़ैसले में सरकार ने 100 बोलिवार के नोट को वापिस ले लिया जिसकी वजह से बैंकों में लम्बी लम्बी क़तारें लगना शुरू हो गयीं इसके बाद इसी तरह की क़तारें दुकानों के बाहर भी लग गयीं। सरकार के फ़ैसले से नाराज़ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये।
जुमेरात के रोज़ लागू हुई नोटबंदी के बाद 100 बोलिवार के नोट बेकार मान लिए गए थे जबकि नए 500, 1000 और 2000 के नोट लोगों तक पहुँच नहीं पा रहे हैं.
वामपंथी राष्ट्रपति निकोलस मोदुरो ने देश में नए नोट ना पहुँच पाने को विदेशी दुश्मनों की साज़िश बताया। उन्होंने कहा कि जो प्लेन देश में आना था उसे किसी और देश में भेज दिया गया और एक दूसरे प्लेन को भी इजाज़त उड़ने की इजाज़त नहीं दी गयी।
तेल की क़ीमतों पर निर्भर वेनेज़ुएला की अर्थव्यवस्था पहले ही कच्चे-तेल की क़ीमतों के अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में कम होने से कमज़ोर हो चुकी थी और कई जानकारों के मुताबिक़ देश बहुत जल्द ही “दिवालिया” हो जाएगा।
Comments
comments