हज सब्सिडी एक ऐसा मसला है, जहां मुस्लिम लीडर इसके पक्षधर हैं कि यह सब्सिडी खत्म कर देनी चाहिए, लेकिन केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार चाहे, कांग्रेस की हो, भाजपा की हो या फिर तीसरे मोर्चे की रही हो, कोई इसे खत्म नहीं करना चाहती। कहा यह जाता है कि इसके पीछे उसके अपने हित छिपे हुए हैं।
बहरहाल, देखा जाए तो मौजूदा दौर में मुस्लिम यूथ्स भी हज सब्सिडी के पक्ष में बिल्कुल भी खड़े नहीं दिख रहे हैं बल्कि सोशल मीडिया पर वे इसे जल्द से जल्द बंद करने की मांग ज़रूर कर रहें हैं।
मोहम्मद खालिद हुसैन- हज सब्सिडी ही एक मात्र ऐसी सब्सिडी है जिसे मुस्लिम समुदाय लेना नहीं चाहता और सरकार ज़बरदस्ती देती है।हज सब्सिडी को ख़त्म कर के उसी धन को मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर ख़र्च किया जाना चाहिए
फ़रहान खान- हज सब्सिडी पर सरकार को श्वेत पत्र जारी कर यह बताना चाहिए कि उसकी क्या आर्थिक मजबूरियां या लाभ हैं जिसकी वजह से हज सब्सिडी जिस संप्रदाय से जुड़ी हुई है उसके मुखर विरोध के बावजूद सरकार उसको जारी रखने को कटिबद्ध है।
नवेद चौधरी- असल में हज सब्सिडी मुसलमानों को नहीं मिलती यह तो एयर इंडिया को दी जाती है सब्सिडी ताकि पूरे साल में घाटे में चलने के बाद इन 20 30 दिनों में अपना घटा पूरा कर सकें और सबसे बड़ी बात ये है कि सब्सिडी मिल रही है जो इस्लाम के लिहाज़ से सब्सिडी में हज करना जायज़ ही नहीं है तो यह केवल भ्रम है जो बताया जा रहा है कि हज पर सब्सिडी दी जाती है ऐसी सब्सिडी हमें नहीं चाहिए।
ज़ाकिर अली त्यागी- सब्सिडी ख़त्म होनी चाहिए क्योंकि सब्सिडी के नाम पर ठगा जा रहा है, लूटा जा रहा है, और गैस सब्सिडी भी नही मिल पा रही है! सब्सिडी चाहे हज पर हो या गैस सिलेंडर पर ख़त्म की जानी चाहिए!
तारिक अनवर- सरकार को चाहिए की “हज सब्सिडी को बंद कर देना चाहिए” और सबसिडी में दी जा रही सरकारी धन का उपयोग “मुसलमानो के शिक्षा को बेहतर बनाने में करना चाहिए”, जिससे जो मुसलमान समाज शिक्षा के नाम पे पिछड़ हुआ है……वो भी अन्य समाज के बराबर ताल से ताल मिलकर आगे बढ़ सके
नाज़िया नईम- हज की सब्सिडी से आप अपना लाभ देख लो हमारा लाभ देख लो रखना है रखो बन्द करना है बन्द कर दो। पर हमारी परेशानी दूर कर दो।परेशानी यह है कि हज सब्सिडी के नाम पर बिन बात गरियाया जाता है मुसलमानों को।
परेशानी यह है कि तुष्टिकरण तुष्टिकरण चिल्लाया जाता है परेशानी यह है कि इसे दिया है मुझे भी दो यहां के लिए दो वहां के लिए दो ये ना हो। जिसके लिए लेना है लो, पर हज के लिए दिया है इसलिए दो, यह तर्क मत दो परेशानी यह है कि ऊपर के कमेन्ट पढ़ लें मुस्लिम चीख चीख के कह रहे हैं बन्द कर दो फिर भी थोप रहे हैं परेशानी यह है कि मत भेजो गरीब मुसलमानों को हज पर ये पैसे उनकी बेटियों को शिक्षित करने में अलग से स्कॉलरशिप में दे दो उन गरीब लड़कों लिए रोज़गार मुहैया करा दो ताकि खुद कमाकर सम्मानपूर्वक हज करने जाएँ.
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