नई दिल्ली – आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के मना करने के बाद भी आधार को अनिवार्य क्यों बनाया जा रहा है ? कोर्ट ने यह भी कहा कि क्या किसी भी तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए आधार को अनिवार्य बनाना ही एकमात्र उपाय है ?
सुप्रीम कोर्ट के इन सवालों का जवाब देते हुए केंद्र ने कहा ने कहा कि हमने विधायी समर्थन की सहायता से आधार को अनिवार्य बनाया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में पहले ही कहा है कि कल्याणकारी योजनाओं के मामले में आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता, हालांकि इनकम टैक्स या किसी तरह नॉन-बैनिफिशियल योजनाओं के मामले में सरकार आधार कार्ड मांग सकती है।
कोर्ट ने दिलाया याद कोर्ट ने याद दिलाया कि आधार कार्ड के संबंध में संविधान पीठ पहले ही आदेश जारी कर चुकी है कि अगर बैनिफिशियल योजना का मामला है, तो आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता। यानी, सरकार पेंशन या अन्य किसी तरह के लाभ देने के मामले में यह नहीं कह सकती कि ये लाभ इसलिए नहीं मिलेंगे, क्योंकि आपके पास आधार कार्ड नहीं है, लेकिन अगर इनकम टैक्स या दूसरे नॉन-बेनिफिशियल भुगतानों से जुड़ा मामला है, तो सरकार आधार कार्ड मांग सकती है।
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