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चंडीगढ़ की प्रसिद्द जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अजमल खान का कहना है कि अजान की आवाज कम होनी चाहिए ताकि जो गैर-मुस्लिमों मस्जिद के आस-पास को कोई तकलीफ न हो. और एक प्रसिद्ध अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक उन्होंने बीते शुक्रवार को यह बात मौलाना ने कहा कि हमें हमारे पड़ोसियों जोकि अन्य मज़हब के रहते है उन्हें बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए.और कहा कि लाउडस्पीकर पर जो तेज आवाज़ आती है उस आवाज को कम रखनी चाहिए जिससे लोगो को तकलीफ न हो और मेरा ये मनाना है कि बेवजह किसी को परेशान करना गलत है और इसकी इजाजत सरकार तो क्या हमारा भी इस्लाम नहीं देता. उन्होंने आगे कहा कि हम सहरी के लिए एकदम सुबह 3.40 बजे लाउडस्पीकर से घोषणा करते हैं. यह ऐसा समय है जब बाकी लोग सो रहे होते हैं. हमें ऐसा करने से बचना चाहिए.
क्योंकि क़ानून में भी देर रात तक लाउडस्पीकर बजाने कि अनुमति नहीं है और कोई भी इसे लेकर हमारे खिलाफ शिकायत कर सकता है और अदालत जाने के लिए लोग स्वतंत्र हैं. यही भारतीय कानून है और समजदारी का सबूत है और इसी बात पर वहीं खान ने केरल की मस्जिद की मिसाल भी दी जहां इसी महीने केरल के मल्लापुरम क्षेत्र की सबसे बड़ी मस्जिद वालिया ने ध्वनि प्रदूषण कम करने की कोशिश में तय किया, कि दिन में लाउडस्पीकर से सिर्फ एक ही बार अजान दी जाएगी.
और शायद आप लोगो को अच्छी तरह से याद होगा कि अप्रैल क्र महीने में सोनू निगम जो कि एक सिंगर है उन्होंने अजान की आवाज से नींद अपनी नींद टूट जाने को लेकर एक ट्वीट किया था जिसे लेकर मुस्लिम लोगो ने काफी विवाद हुआ था. और इसी लिए कई लोग उनके समर्थन के लिए सामने आए थे तो कई ने उनका विरोध किया था. और पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा था कि अजान इस्लाम का अहम हिस्सा है लेकिन अजान के लिए लाउडस्पीकर इस्लाम का अहम हिस्सा नहीं है. या कानून तौर पर अपराध है.
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