मौलाना तारिक़ जमील और आमिर खान के लिए एक साथ में दौरान जिस बीच हुई इनके बातें और एक दूसरे के बारे में काफी तारीफ भी की जमील और आमिर खान दोनों ही थे बचपन के दोस्त और अब आ कर मिले इस दौरे पर मौलाना में बताया की किस तरह आमिर खान से मिले वो और उनके मिलने से पहले क्या सोच रहे थे दोनों मौलाना का सोचना था की में इनसे किस तरह मिलेगा में तो जनता ही नहीं ये तो एक स्टार है.
जब में जनता था तो मेरा दोस्त था और न जाने मुझे पहचानेगा या नहीं वहीँ आमिर के मन में भी यही बात चल रही थी. मौलाना ने बताया की ये वहीँ है जब में कॉलेज में पढ़ने के लायक हुआ था तब मुझे पढ़ने में कोई खास रूचि नहीं थी और न ही कॉलेज जाना चाहता था पर उस समय ये मुझे जबरजस्ती ले जाता था और पढ़ने में मेरी मदद करता था यही है जिसने मुझे इतने आगे बढ़ने की हिम्मत दी थी हम जब कॉलेज में थे तो साथ ही रहा करते थे.
फिर हम अपने अपने करियर की और मुड़ गए और फिर हमारी बात केबल SMS पर ही होती थी जहाँ हम एक दूसरे के बारे में जान लेते थे. फिर एक दिन आमिर की एक फिल्म आई जिसका नाम था तलाश जिसके बाद आमिर का मेरे पास SMS आये जिसमे लिखा था मेरी तलाश फिल्म की तरक्की के लिए दुआ करो जिस पर में न ही तो माना कर सकता और न ही हाँ बोल सकता और आमिर हमेशा एक बात कहा करता था दोस्त तो वो है जो गिरे हुए को थम ले वो नहीं जो पीला कर गिरा दे.
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