मैं इस इस्लाम को बर्बाद करने के लिए आई थी लेकिन मैं खुद आज एक मुस्लिम बन गई हूँ .जब में छोटी थी तब में बहुत ही भयावह एजेंडे वाले लोगों के समूह के ध्यान में आया हूं. इतना ही नहीं वो लोग आपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी सरकार में अपनी स्थिति का उपयोग करते है.
और इसके बाद इस समूह के एक सदस्य ने मुझसे सम्पर्क किया क्योकि उसने देखा था की मैं बहुत ज़्यादा महिलाओ के अधिकारों के लिए लड़ती हूँ. उसने मुझे बताया कि अगर में मध्यपूर्व में बेहतर अंतराष्ट्रीय सम्बन्ध बना सकती है और वे मेरी बहुत मदद करेंगे.
और उन्होंने केवल इतना ही नहीं बल्कि उसने मुझे मिस्र में अमेरिकी दूतावास में नौकरी की गारंटी भी और वो लोग ये चाहते थे कि मैं वहां जाकर देश में अपनी स्थिति का उपयोग मुस्लिम महिलाओं से बात करने और नवेली महिलाओं के अधिकार आंदोलन को प्रोत्साहित करने के लिए उस देश में चली गई लेकिन मैंने सोचा था कि यह एक महान विचार था. मैंने टीवी पर मुस्लिम महिलाओं को देखा था.
मुझे पता था कि वे एक गरीब दलित समूह थे, और मैं उन्हें 20वीं शताब्दी की आजादी के प्रकाश में ले जाना चाहता हूँ इसलिए मैने इस्लाम को कुबूल किया और अब मैं इस्लाम कि सेवा तो नहीं करती लेकिन मैं उन महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करती है जिनके अधिकार अन्य लोगो ने छीन लिए है.
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