जयपुर । अगस्त क्रांति दिवस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में आयोजित समारोह में एक सामाजिक संगठन लालशक्ति सेना की संयोजक हेमलता शर्मा ने दल-बल के साथ कांग्रेस की सदस्यता क्या ली, उनके कांग्रेस में प्रवेश से पीसीसी की महिला नेत्रियों में खलबली मच गई है । पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट व राज्य प्रभारी अविनाश पांडे के समक्ष जिस गर्मजोशी से लालशक्ति सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस से जुड़े हैं.
इसे लेकर कांग्रेस में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है । कांग्रेसी सूत्रों के अनुसार हेमलता शर्मा को कांग्रेस में शामिल कराने के मुख्य सूत्रधार जयपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास हैं जिन्होंने एक साथ अपनी तीन महिला प्रतिद्वंद्वियों पर ब्रह्मास्त्र छोड़ा है।
उल्लेखनीय है कि प्रताप सिंह को इस समय जयपुर में पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल, पीसीसी उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा, सचिव संगीता गर्ग का कड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है। सुगबुगाहट है कि हेमलता शर्मा को शीघ्र पीसीसी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है क्योंकि अर्चना शर्मा और संगीता गर्ग दोनों पूर्व प्रभारी महासचिव गुरूदास कामत गुट की है.लेकिन नये प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे से इनकी पटरी नहीं बैठ रही है. क्योंकि पांडे आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ब्लॉक स्तर तक पार्टी का मीडिया प्रबंधन मजबूत करना चाहते हैं जबकि वर्तमान में पीसीसी के मीडिया प्रबंधन की दशा व दिशा दोनों ठीक नहीं है ।
क्या है लालशक्ति सेना
लालशक्ति सेना की स्थापना युवा सामाजिक कार्यकर्ता हेमलता शर्मा ने की थी जो कि जयपुर में महिला सशक्तिकरण व संस्कृति की रक्षा के लिए अपने उग्र तेवर के लिए मशहूर है । इस संस्था से एक हजार से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई है। हेमलता शर्मा पिछले दिनों रवीन्द्र मंच पर लगी एक चित्र प्रदर्शनी में हुए हंगामे के बाद सुर्खियों में आयी थी, उनका आरोप था कि प्रदर्शनी में शामिल एक चित्र में भारतीय नारी का अपमान किया गया है । वहीं, शर्मा किसान रथयात्रा भी निकाल चुकी हैं और तेजतर्रार शैली की हिन्दी व अंग्रेजी भाषा की प्रखर वक्ता हैं ।
बताया जाता है कि हेमलता शर्मा सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट चाहती हैं, जहाँ उनका अंग्रेजी माध्यम का बड़ा स्कूल है । हेमलता के साथ सांगानेर के कई युवा नेताओं ने भी कांग्रेस का दामन थामा है जिसमें विनोद चौधरी, सुरेश आकड़ जैसे दमदार नाम शामिल हैं ।
महिला नेत्रियों में खलबली
चूंकि कांग्रेस जयपुर से अमूमन एक टिकट महिला को देती है, पिछले चुनाव में अर्चना शर्मा ने मालवीय नगर से चुनाव लड़ा था लेकिन वे करीब 50 हजार वोटों से हार गई थीं । परिसीमन से पहले जयपुर की सीटों पर कांग्रेस बनीपॉर्क से सुधा रैना, जयपुर ग्रामीण से अरूणा गौड़ और सांगानेर से इंदिरा मायाराम को टिकट दे चुकी है, वहीं परिसीमन के बाद बगरू की आरक्षित सीट से गंगा देवी को टिकट दिया था।
इनमें मायाराम व गंगा देवी चुनाव जीत चुकी हैं । ऐसे में हेमलता शर्मा के आगमन ने जयपुर की कांग्रेस के समीकरण बदल दिये हैं क्योंकि अर्चना शर्मा मालवीय नगर, संगीता गर्ग सिविल लाइन, ज्योति खंडेलवाल किशनपोल, रमा बजाज व मंजू शर्मा विघाधरनगर से दावेदार हैं । अब सांगानेर से हेमलता शर्मा भी दौड़ में शामिल हो गई है, देखना है इनमें कौन बाजी मारता है । संभव है इस कशमकश में जयपुर से कांग्रेस अबकी बार दो महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारे लेकिन फिलहाल लालशक्ति की कांग्रेस में दस्तक ने पूरी पार्टी में चर्चाओं का दौर छेड़ दिया है ।
भाजपा से जुड़ी थी, लेकिन मंदिरों को तोडऩे से नाता तोड़ा
लाल शक्ति सेना की अध्यक्ष हेमलता शर्मा को कांग्रेस ज्वाइन से पहले भाजपा से जुड़ी थी, लेकिन मेट्रो प्रोजेक्ट के दौरान शहर के दर्जनों मंदिरों को ढहाने से नाराज होकर उनके संगठन ने सरकार और पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला। कांग्रेस सदस्यता के दौरान हेमलता शर्मा ने कहा कि अगर कोई गलत करेगा, उसे कैसे सहन करेंगे। शहर में मंदिर टूट रहे थे, तब भाजपा नेता कहां थे। विचारों से समझौता नहीं कर सकते। अगर कोई गलत है तो उसका विरोध करेंगे। हेमलता शर्मा ने भाजपा के करीब पांच सौ से अधिक कार्यकर्ताओं और लाल शक्ति सेना के सदस्यों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ली। source
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