कोटा की गौशाला मे मर गईं 700 गाय, कांग्रेस ने घेरा CM को

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कोटा- राजस्थान में सरकारी गौशाला में अव्यवस्थाओं के कारण गायों की मौत का मुद्दा एक बार गर्मा गया है. जयपुर की हिगौनिंया गौशाला के बाद अब कोटा नगर निगम की बंधा गौशाला में अगस्त महीने में 700 से अधिक गायों की मौत के बाद मामला सुर्खियों में आ गया है. विपक्ष इसे भुनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, तो कोटा नगर निगम इस बड़ी लापरवाही को दबाने में जुटा हुआ है.

कोटा नगर निगम की बंधा गौशाला गायों को रखने की कुल क्षमता तो 1200 है, लेकिन निगम प्रशासन ने 2500 से अधिक गौवंशों को इसमें रखा हुआ है. क्षमता से अधिक गौवंशों को रखना अब समस्या का कारण बनता जा रहा है और रोज गौशाला में अव्यवस्था के कारण डेढ़ से दो दर्जन गायों की मौत हो रही है.

गौशाला में मृत गौवंश के आंकड़ों के अनुसार पिछले अगस्त माह में 700 से अधिक गायों की मौत हुई. इन आंकड़ों के खुलासे के बाद जहां नगर निगम प्रशासन की नींद उड़ी हुई है, वहीं विपक्ष को बैठे-बिठाए एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है.
नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेसी पार्षदों के साथ गौशाला का दौरा भी किया तो वहीं पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी इस मामले पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं.

अनिल सुवालका ने गायो की मौत पर कहां कि ये सब वसुंधरा सरकार के लापरवाही से हो रहा है और इसके लिए सीधे तौर पर सीएम ज़िम्मेदार है. गौवंश की मौत पर विवादों में आया नगर निगम प्रशासन अब इस मामले को दबाने में जुटा हुआ है. महापौर महेश विजय, गौशाला समिति अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने निगम अधिकारियों के साथ गौशाला का दौरा किया और गौशाला के विस्तार के साथ कमियों के संबंध में सुधार के निर्देश दिए.

गायों को समय पर उपचार उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त कंपाउंडर लगाने और टीके-दवाइयों की पुख्ता व्यवस्था रखने की बात कही है.बता दे अभी कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के दुर्ग में भाजपा नेता की गौशाला में तीन सौ गायो के खाने की कमी के वज़ह से भूख से मरने की खबर आई थी.

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