वैसे तो मुस्लिमों में काफी पहले से शरीअत के हिसाब से शादी-ब्याह में फ़िज़ूल खर्ची और हो हल्ला जैसे डीजे बजाना आदि करने की मनाही है. लेकिन अब जाट समुदाय की खाप पंचायतों ने भी ने भी ऐसा ही ऐतिहासिक फैसला लेते हुए फरमान सुना दिया है.
इस फैसले को हरियाणा के बहादुरगढ़ में छिल्लर-छिकारा खाप पंचायत ने सार्वजानिक रूप से ये एलान किया है की अब से होने वाली सभी शादियों में न तो डीजे बजेगा और न ही शराब परोसी जाएगी और अगर कोई परिवार या लोग इस निर्णय के विरुद्ध जाता है तो यह पंचायत उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगी.
आपको बतादें की यह निर्णय इस रविवार को यहाँ के गांव कानोंदा में हुई छिल्लर-छिकारा खाप के 11 गांवों की पंचायत में आपसी सहमती और काफी सोच विचार के बाद ये फैसला लिया गया है. इससे लोगों का फिजूल खर्च तो बचेगा ही साथ ही नशे में लड़ाई झगड़े और अन्य अमर्यादित काम करने से लोग बचेंगे.
इस गांव की चौपाल में आयोजित की गयी इस खाप पंचायत की अध्यक्षता राममेहर सिंह ने की थी. छिल्लर खाप के प्रधान बलवान सिंह और छिकारा खाप के प्रधान गुलाब सिंह के अलावा इन खापों से जुड़े हुए लगभग ये 11 गांवों के लोग इस दौरान मौजूद थे.
इस मामले पर पिछले कई महीनों से यह नियम लागू करने के बारे में चर्चा चल रही थी और अब जाकर इस फैसले पर अंतिम मोहर लग पायी है. फैसला सुनने के बाद वहां उपस्थित पंचायत में मौजूद लोग खुशी से झूम उठे.
इस पंचायत ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का ये ऐतिहासिक काम किया है इससे आपसी प्रेम व भाइचारे को बढ़ावा तो मिलेगा ही और शराब बंदी होने की वजह से अपराधों की संख्या में भी बड़ी कमी आएगी.
क्योंकि शादी और समारोह में नशे की वजह से शादी के माहौल में अक्सर झगड़े होते हैं और कई बार ये झगड़े बड़ा रूप ले लेते हैं. इस फैसले से औरतों में खुशी की लहर दूध गयी है. क्योंकि शादियां खुशी का मौका होती हैं और शराब पीकर लोग रंग में भांग डालने का काम कर ही देते हैं जिससे माहौल तो खराब होता ही है तथा समाज में नीचा देखने को मिलता है.
इसलिए खुशियों में कोई भी बुरी चीज नहीं होनी चाहिए इसके अलावा इन लोगों ने भ्रूण हत्या सहित दहेज कुप्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों को भी तुरंत प्रभाव से बंद करने पर जोर दिया है जो आने वाले समय में इसी तरह सख्ती से लागू किया जाएगा.
निर्णय का विरोध करने पर होगी कार्यवाही
आपको बता दें की इस क्षेत्र में छिल्लर-छिकारा खाप पंचायत का तगड़ा रूतबा सामाजिक स्तर पर पहले भी दोनों खाप बड़े फैसले ले चुकी है और ऐसे में इन फैसलों पर अमल करवाने के लिए प्रत्येक गांव में 4-4 लोगों की कमेटियां बनाई जाएंगी और इन कमेटी के सदस्य लोगों को जागरूक करेंगे और प्रत्येक गांव का दौरा कर ये भी सुनिश्चित करेंगे कि कहीं किसी तरह का उल्लंघन तो नहीं हो रहा
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