गो-मंत्रालय और गाय मंत्री वाला देश का पहला राज्य बनने के बाद अब राजस्थान गो-रक्षा थाना शुरू करने वाला भी पहला राज्य बन गया है. अब राजस्थान में गायों की रक्षा के लिए BJP या अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को जहमत नहीं उठानी पड़ेगी.
राजस्थान सरकार ने हरियाणा सीमा से लगे इलाके में 14 गोर-रक्षा थाने खोले हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस हो चाहे न हो, लेकिन राजस्थान में अब गायों की सुरक्षा जरूर होगी.
अचानक गो-रक्षा थाने खोलने का फैसला लेने पर राज्य के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा, “जब से हमारी सरकार बनी, तब से हमने गोरक्षा का संकल्प लिया था और गोरक्षा के लिए थाने खोलने शुरू किए थे. ये गोरक्षक पुलिस राजस्थान से गो-तस्करी कर ले जाने वाले गोवंशों को छुड़आएंगे और गो तस्करों को पकड़ेंगे.”
दरअसल राजस्थान में आए दिन मेवात के इलाके में गो-तस्करों और पुलिस के बीच फायरिंग की घटनाएं होती रहती हैं और अक्सर गोरक्षकों द्वारा इन गो-तस्करों के साथ मारपीट की खबरें आती रहती हैं.
राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिलों से लगी हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में जमकर गो-तस्करी होती है, जिस पर लगाम लगाने के लिए ये गो-रक्षक थाने खोले गए हैं.
उधर पीयूसीएल जैसे सामाजिक संगठनों का कहना है कि गोरक्षक पुलिस बल बनाने के बाद से मुस्लिम गो-पालकों पर पुलिस का अत्याचार बढ़ गया है. पुलिस गो पालकों को गो तस्करी के नाम पर पीट रही है और लाखों की कीमत के गोवंश छीन रही है. उन्होंने यह भी कहा कि गोरक्षक पुलिस मामला बढ़ने पर इसे गो-तस्करों का आपसी गैंगवार करार दे देती है.
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