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नई दिल्ली।। हिंदुस्तान में इस्लामिक बैंक अब नहीं खुलेगा। इस मामले में एक बड़ा निर्णय लेते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश में Islamic banking की शुरूआत करने वाले प्रस्ताव पर अभी स्वीकृति नहीं दी है.
एक RTI के जवाब में Central bank ने कहा कि सभी नागरिकों तक Banking and financial सेवाएं पहुंचाने के लिये ही व्यापक और समान अवसर( Wide and equal opportunities) पर विचार करने के बाद ही यह फैसला लिया गया है.
RTI के उत्तर में दिये गये जवाब में कहा गया, “इस्लामिक या शरिया बैंकिंग ब्याज-रहित सिद्धांतों पर आधारित एक वित्तीय प्रणाली है, क्योंकि इस्लाम में ब्याज की मनाही है। भारत में इस्लामी-बैंकिंग की शुरूआत के मुद्दे पर आरबीआई और भारत सरकार की ओर से जांच की गई.
केंद्रीय-बैंक ने कहा, “इस संदर्भ में, सभी नागरिकों को बैंकिंग और वित्तीय सेवायें पहुंचाने के लिये व्यापक और समान अवसरों की उपलब्धता को मद्देनजर रखते हुये यह तय किया गया है कि इस प्रस्ताव को आगे न बढ़ाया जाए.
इस RTI में भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) को भारत में Islamic या ‘ब्याज-मुक्त’ Banking की शुरूआत के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी देने के लिए कहा गया था.
PM नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को जन-धन योजना लॉन्च की थी। यह वित्तीय-समावेशन के तहत पूरे देश को लाने के लिए उठाया गया एक राष्ट्रीय-मिशन था।वित्तीय क्षेत्र में सुधारों के लिये वर्ष 2008 के आखिर में RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था.
जिसने देश में ब्याज मुक्त बैंकिंग (Interest free banking) के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने पर बल दिया था.
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