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सऊदी अरब और यूनाइटेड अरब में तेल की बड़ी-बड़ी खाड़ियो वाले देश है जो की तेल का उत्पादन के लिए दुनियाभर में प्रसिद है और यहाँ न ही कोई टैक्स भरना पड़ता था यहाँ बिना टैक्स के लिए कम किया जाता था परन्तु अब सरकार को नुकसान हो रहा है तो सरकार ने फैसला किया है कि अब 1 जनवरी 2018 से वैल्यू एडिड टैक्स लागु किया जायेगा.
सरकार ने नए साल से खाद्य सामग्री, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक एंड गैसोलीन, फोन, बिजली और पानी सप्लाई आदि पर अब टैक्स लगाने का फैसला दिया है ये टैक्स कम से कम 5 फीसदी होगा परन्तु अभी सरकार ने बताया है की इस टैक्स से बड़े उत्पादनों को दूर रखा जायेगा बड़े उत्पादनों के लिए वेट की तैयारी की जा रही है.
और साथ ही इस वेट में स्कूल की शिक्षा,किताबे,लंच आदि पर भी टैक्स लगया जायेगा. जब ये देखा गया की देश में बढते राजस्व और घाटे का सामना अब करना पद रहा है तब ही सन 2015 में गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के सदस्यों ने टैक्स लागु करने का निर्णय लिया था परन्तु उस समय ये लागु नहीं किया गया.
पर अब जब सऊदी इसकी पहल पहले की तो अब सभी इसी निर्णय को स्वीकार कर रहे है. जब सन 2015 का विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में भारत ने कुल 70 अरब डॉलर का रेमिटेंस प्राप्त किया है. जिसका लगभग 37 अरब डॉलर का रेमिटेंस खाड़ी देशों से प्राप्त किया गया है.
भारतीय नागरिक लगभग 13 अरब डॉलर भेज रहे हैं तो वहीं साउदी अरब से लगभग 11 बिलियन डॉलर भारत आ रहा है। इसका मुख्य कारण भारतीयों की रहने को माना जा रहा है यूरोप में कमजोर आर्थिक विकास दर, रूस की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में यूरो और रूबल की घटती कीमतों से है.
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