बेगुनाह शख्स 13 साल की सज़ा मिली, दुनिया की सबसे खूंखार जेल में… क्योंकि वह मुस्लिम…

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दुनिया की सबसे विवादित जेल ‘ग्वांतानामो बे’ एक बार फिर सुर्खियों में है। क्यूबा स्थित इस जेल में एक शख्स को 13 साल सिर्फ इसलिए कैद करके रखा गया, क्योंकि उसका नाम अल कायदा के एक आतंकी के नाम से मिलता जुलता था। बीते मंगलवार हुए इस खुलासे के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने भी अपनी गलती मान ली है.

रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्तफा अल अजीज अल-शामिरी को अमेरिका ने अल कायदा का एक हाई लेवल कमांडर बताकर कैदी बनाया था। अल शामिरी को 2002 में उत्तरी अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में पकड़ा गया था। कहा जा रहा है कि मूल आतंकी और इस शख्स के नाम को लेकर कन्फ्यूजन था। आइए नजर डालते हैं दुनिया की सबसे विवादित जेल के बारे में.

किसी की भी ज़िन्दगी में दस साल बहुत मायने रखते हैं. इन दस सालों इ इंसान अपनी जिंदगी सवांरता है. अपने सपनों को पूरा करता है और इस खूबसूरत दुनिया को अपनी आँखों से देखता है. लेकिन अगर किसी भी इंसान के दस साल बेफुजुल खर्चा हो जाएँ या किसी कैद में खर्च हो जाएँ तो भी ऐसा गुनाह में जो उसने किया भी न हो तो उसे कैसा लगागेगा.

बहरहाल, आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं. इस शख्स का नाम है उ मर ख़ज़र. उमर ख़ज़र ने 10 साल तक ग्वांतानामो जेल में काटे हैं. बड़ी बात यह है कि उमर ख़ज़र ने कोई गुनाह नहीं किया था. दरअसल उसे मुस्लिम होने की सजा दी गई.

हालाँकि अब कनाडा सरकार ने उससे माफ़ी मांगी है. कनाडा सरकार ने माना है कि उनसे मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है, लिहाज़ा ख़ज़र को 81 लाख डॉलर का हर्जाना भी अदा किया गया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि कनाडा की सरकार की ओर से हम माफी मांगना चाहते हैं ख़ज़र से, उन्हें विदेश में हुई कठिनाइयों के लिए जिनमें कनाडाई अधिकारियों की कोई भी भूमिका रही हो और उन्हें जो भी नुकसान पहुंचा हो.

कनाडा में जन्मे ख़ज़र उस समय केवल 15 साल के थे जब उन्हें अमरीकी सेना द्वारा अफ़ग़ानिस्तान में पकड़ लिया गया था. ख़ज़र को इसके बाद ग्वांतानामो ले जया गया और उन पर एक सैन्य आयोग द्वारा युद्ध अपराधों का आरोप लगाया गया.

हर कैदी पर सालाना 5 करोड़ रु से ज्यादा खर्च!

यूएस प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने ग्वांतानामो जेल को दुनिया की सबसे महंगी जेल करार दिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर कैदी पर सालाना 9 लाख डॉलर (5.6 करोड़ रुपए) से ज्यादा रुपए खर्च किए जाते हैं।
इसके अलावा पेंटागन इसके रखरखाव पर हर साल लगभग 150 मिलियन डॉलर (9 अरब रुपए) से ज्यादा रुपए खर्च करता है।

क्यों शुरू की जेल ?

क्यूबा के यूएस नेवल बेस पर बनी इस जेल को शुरू करने का मकसद विरोधी पक्ष के उन कैदियों को रखना था, जिन पर यूएस के मुताबिक जेनेवा सम्मेलन के नियम या अमेरिकी कानून लागू नहीं होता। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग देशों के 107 कैदी अभी भी इस जेल में बंद हैं। बता दें कि लगभग 780 लोग कैदी इस जेल की हवा खा चुके हैं। इनमें से 664 कैदियों को दूसरी जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है।

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