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तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाले मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक (ट्रिपल तलाक) को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को लोकसभा में पेश कर दिया.
इस बिल का विरोध अब मुस्लिम महिलाओं ने भी शुरू कर दिया. मध्य प्रदेश मुस्लिम लॉ बोर्ड की महिला सदस्यों ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि ये बिल सिर्फ शौहर और बीवी के रिश्तों में दरार पैदा करेगा.
बोर्ड से जुड़ीं जीनत ने कहा कि हम इस बिल के सख्त खिलाफ हैं. उनका मानना है कि इसमें आदमियों को जेल भेज दिया जाएगा, इससे उनके साथ रिश्तें बिगड़ जाएंगे और अगर वो दोबारा साथ आना चाहें तो नहीं आ पाएंगे.
दुसरी सदस्य फातिमा ने कहा कि वह सारी मुस्लिम महिलाओं से कहना चाहती हैं कि यह फैसला गलत है. इसका विरोध होना चाहिए. उनका भी वही मानना है कि जेल जाने के बाद अगर वो फिर से साथ रहना चाहेंगे तो बिगड़े हुए रिश्तों की वजह से ऐसा नहीं हो पाएगा.
ध्यान रहे मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक (ट्रिपल तलाक) के तहत ट्रिपल तलाक को आपराधिक घोषित किया गया है. जिसमे पति के लिए तीन साल की सज़ा का प्रावधान किया गया है.
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