मुस्लिम शासक शेरशाह सूरी जैसी थीं अटल बिहारी की योजनाएं – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

शेयर करें
  • 194
    Shares

नोएडा: क्रिसमस डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली मेट्रो की एक नई लाइन का उद्घाटन किया. यह मजेंटा लाइन फिलहाल नोएडा के बॉटनिकल गार्डन से चलकर दक्षिणी दिल्ली के कालका जी मंदिर तक जाएगी. आगे यह लाइन जनकपुरी तक जाएगी. पीएम मोदी ने इस मेट्रो लाइन के उद्घाटन के समय दिए गए अपने भाषण में शेरशाह सूरी का जिक्र किया.

दरअसल, पीएम मोदी अपने भाषण में यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि शेरशाह सूरी के बाद भारत के किसी शासक के अंदर दूरदर्शी दृष्टि थी तो वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंदर थी. पीएम मोदी ने कहा, “शेरशाह सूरी के बाद वाजपेयी जी ने पूरे देश को सड़क से जोड़ने का काम शुरू किया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो की एक नई लाइन मजेंटा का उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में मुस्लिम शासक शेरशाह सूरी को याद किया

पीएम मोदी ने अपने भाषण में शेरशाह सूरी का जिक्र इसलिए क्योंकि वही भारत का ऐसा शासक था जिसने अफगानिस्तान में काबुल से लेकर बांग्लादेश के चटगांव तक ग्रांड ट्रंक रोड को बढ़ाया था. जीटी रोड का नाम पूरे विश्व में है. यह दक्षिण एशिया के सबसे पुराने एवं सबसे लम्बे मार्गों में से एक है.

16वीं सदी में इस मार्ग का ज्यादातर भाग शेरशाह सूरी द्वारा नए सिरे से पुनर्निर्मित किया गया था उस समय सड़क-ए-आजम या सड़क बादशाही के नाम से जानी जाती थी. 17वीं सदी में इस मार्ग का ब्रिटिश शासकों ने पुनर्निर्माण किया और इसका नाम बदलकर ग्रैंड ट्रंक रोड कर दिया.

प्रधानमंत्री के कामों की तुलना शेरशाह सूरी के कार्यों से की

उन्होंने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री के कामों की तुलना शेरशाह सूरी के कार्यों से की. उन्होने कहा, “शेरशाह सूरी के बाद वाजपेयी जी ने पूरे देश को सड़क से जोड़ने का काम शुरू किया था.

पीएम मोदी ने कहा, गुड गवर्नेंस के लिए सड़कें बहुत जरूरी होती हैं. भारत में शेरशाह सूरी के बाद सड़कों की अहमियत सिर्फ और सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी ने महसूस की.

उन्होंने बताया, वाजपेयी ने पहले तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत की जिसके तहत देश के गांवों तक पक्की सड़क पहुंची. इसके बाद उन्होंने ‘स्वर्णिम चतुर्भुज’ का सपना देखा जो शेरशाह सूरी की जीटी रोड जैसा ही प्रोजेक्ट था.

शेरशाह सूरी जैसी थीं अटल बिहारी की योजनाएं

पीएम मोदी का कहना था कि गुड गवर्नेंस के लिए सड़कें बहुत जरूरी होती हैं. भारत में शेरशाह सूरी के बाद सड़कों की अहमियत सिर्फ और सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी ने महसूस की. यही वजह थी कि उन्होंने पहले तो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत की जिसके तहत देश के गांवों तक पक्की सड़क पहुंची. इसके बाद उन्होंने ‘स्वर्णिम चतुर्भुज’ का सपना देखा जो शेरशाह सूरी की जीटी रोड जैसा ही प्रोजेक्ट था.

 

قالب وردپرس

Comments

comments