52 अमरनाथ यात्रियों की जान बचाने वाले ड्राइवर ‘सलीम शेख़’ को मिला वीरता पुरस्कार

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आतंकवादी हमले के दोरान अपनी जान जोखिम में डाल कर आतंकियों के बीच से 52 अमरनाथ यात्रियों की जान बचाने वाले सालेम शैख़ बस  ड्राइवर को उनकी बहादुरी के लिए भारत सरकार ने वीरता पुरस्कार से नवाज़ा है|

गुजरात के ‘सलीम गफूर शेख’ काफी सालों से बस ड्राईवर हैं और इन्होने पिछले साल जुलाई के महीने में अमरनाथ जा रहे 52 यात्रियों की खूंखार आतंकियों से जान बचाई थी। सलीम की इस बहादुरी के लिए भारत सरकार द्वारा बुधवार को उत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया।

यह पुरस्कार नागरि कों को दिया जाने वाला दूसरा सम्मान है। शेख पिछले साल जुलाई महीने में 60 अमरनाथ यात्रियों के साथ वापस लौट रहे थे। तभी अनंतनाग जिले के बाटेनगू में बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। आतंकियों के इस अचानक हमले में 8 यात्रियों की मौत जबकि 7 घायल हो गए थे।

इसके बाद ड्राइवर ने खतरनाक पहाड़ियों के बीच गाड़ी की रफ्तार तेज कर दी और दो किलोमीटर तक गाड़ी भगाते रहे जबकि गोलियां लगातार चल रही थीं। सलीम ने बस को एक सुरक्षा स्थान पर रोका। जब उन्हें वीरता पुरस्कार के बारे में पता चला तो उन्होंने कहा- मैं तब और ज्यादा खुश होता अगर आतंकी हमले में मारे गए उन आठ यात्रियों की जान बचा पाता।

गुजरात के वल्साड में रहने वाले 37 साल के शेख देशभर के उन 43 लोगों में शामिल हैं जिनके नामों की घोषणा वीरता पुरस्कार के लिए हुई है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने पिछले साल कहा था कि वो शेख का नाम केंद्र को वीरता पुरस्कार के लिए भेजेंगे।

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