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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिलिस्तीन को आर्थिक मदद रोकने की धमकी दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपतिन ने कहा था कि वे फ़िलिस्तीनियों को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की वार्षिक सहायता को बंद करेंगे, इसलिए कि बदले में अमरीकियों को कोई तारीफ और सम्मान नहीं, मिलता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि वे इजरायल के साथ एक स्थायी शांति संधी के बारे में बातचीत भी नहीं करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि फ़िलिस्तीन अब शांति वार्ता में कोई रूची नहीं रखता हैं, इसलिए हम उन्हें क्यों इतनी बड़ी राशि का की सहायता करें? बता दें कि पिछले साल पांच दिसंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा बैतुल मुक़द्दस को इजरायल की राजधानी घोषित किए जाने के फ़ैसले पर फ़िलिस्तीनियों, इस्लामी जगत और विश्व समुदाय ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी।
अब ट्रंप की धमकी पर महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुदैयना ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से बात करते हुए कहा है कि, बैतुलमुकद्दस ब्रिक्री के लिए नहीं है, न ही सोने के बदले और न ही चांदी के बदले।उन्होंने कहा कि अमेरिका अगर शांति में कोई दिलचस्पी रखता है तो उसे अपना यह फ़ैसला वापस लेना होगा। पीएलओ के एक सीनियर आफिसर हन्नान अशरवी ने भी कहा है कि फ़िलिस्तीनी ब्लैकमेल नहीं होंगे।
बता दें कि लंबे समय से दुनिया में फिलिस्तीन और इजरायल का विवाद जारी है, 1967 में इजरायल ने बैतुल मुकद्दस पर कब्जा कर लिया था इसे आजाद कराने के लिये फिलिस्तीनी लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बैतुल मुकद्दस को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दे दी थी।
दशकों से चले अरहे संघर्ष ने हज़ारों मासूम,जवान,बूढ़े,फिलिस्तीनी नागरिकों की जान लेली है,ड्रोन हमलों और रॉकेट हमलों में रोज़ कोई ना कोई फिलिस्तीनी शहीद होजता है,ये मासूम की शहादत है जो फिलिस्तीनी मुसलमानों को मजबूत बना रही है।
इजरायल के एक विमान ने गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर मंगलवार (2 जनवरी) को हमला किया. यह हमला फलस्तीन एंक्लेव से दक्षिणी इजरायल को निशाना बनाते हुए रॉकेट दागे जाने के कुछ घंटों बाद इसके जवाब में किया गया . इजरायल सेना द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘ विमान ने आतंकी संगठन हमास से जुड़े हुए सैन्य परिसर को निशाना बनाया.” वहीं फलस्तीन के रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह हमले दक्षिण गाजा के खान यूनेस और मध्य गाजा के देर अल-बला में हुए. इन हमलों से परिसर को क्षति पहुंची है लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।
सोमवार (1 जनवरी) रात में दक्षिणी इजरायल स्थित एक शहर पर रॉकेट से हमला हुआ था लेकिन इससे शहर को कोई क्षति नहीं पहुंची और न ही कोई हताहत हुआ. गाजा में मौजूद फलस्तीनी सेना ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने के विवादित फैसले के बाद अब तक इजरायल पर 18 रॉकेट या मोर्टार दागे हैं. हालांकि इनमें से छह को इजरायल की इरोन डोम रक्षा प्रणाली ने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही हवा में खत्म कर दिया.
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