अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुनी क़ुरआन की आयतें, विडियो हुआ वायरल

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अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप अपनी मुस्लिम विरोधी सोच के चलते काफी चर्चा में रहते हैं। लेकिन उनकी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में ऐसी स्थिती का सामना करना पड़ रहा है जहां उनकी सोच और इस्लाम की शिक्षा में टकराहट हुई।

दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के एक हिस्से में हर धर्म के गुरु प्रतिनिधित्व आ कर प्रार्थना करते हैं। इस मौके पर इस्लाम धर्म के नुमाइंदे को भी अपनी बात रखने का मौका मिला.

इमाम ने कुरआन की आयात से संदेश देने की कोशिश की जिसमें ये बताया गया है कि अल्लाह ने कहा है कि इंसानो को रंग रुप, भाषा के तहत भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। अल्लाह के इंसाफ की नजर सब इंसान उसकी ही हैं।

आप को बता दें अमेरिका के नये राष्ट्रपति अपने इलेक्शन कैंपन में इस्लाम , मैक्सिकों और अप्रत्यक्ष रुप से अमेरिका को नस्लीय रुप से बांटने की कोशिश करते रहे हैं। वो बाहरी और मूल अमेरिका का भी मुद्दा उठाते रहे हैं। एक इलेक्शन रैली में उन्होंने मुस्लिमों को अमेरिका में पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की थी।

हालांकि बाद में उनके चुनानी वायदे में ये प्वाइंट खत्म हो गया था लेकिन इस्लामफोबिया का माहौल बना कर उन्होंने मुस्लिमों को अलग-थलग खड़ा करने चाहते थे लेकिन उनकी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भी ऐसा नहीं हो पाया। कुरआन की दो सूरह अल हजरात वर्सेस 22 और सूरह अल रूम की वर्सेस 13 आयत सुनाई।

 

कुरआन की ये आयत कहती है अल्लाह ने इंसानो को नर और मादा के शक्ल में पैदा किया और वे कबीलों में रहने लगे लेकिन यकिनी तौर में अल्लाह उनके साथ है जो अल्लाह के दीन पर चल रहे हैं। दूसरी आयत में ये संदेश था कि रंग रुप भाषा के लिहाज इंसानो को बांटना सही नहीं है।

अल्लाह उनके साथ खड़ा है जो दीन के साथ खड़े हैं। अब देखना है कि कुरआन जो शपथ ग्रहण समारोह में डोनाल्ड ट्रंप के कानों तक गयी हो गई वो उनकी सोच बदलने में और इस्लाम के बारे में नजरिया बदलने में कितनी कामयाब होती हैं।

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