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बेशक इस्लाम में पर्दे का हुक्म सिर्फ औरतों के लिए ही नहीं बल्कि मर्दों के लिए भी हैं। जैसा कि कुरान ए पाक में जिक्र है। की इस्लाम में औरत को हुक्म देता हैं कि वह पर्दे में रहे। दुनिया के सामने अपने जिस्म और खूबसूरती की नुमाइश न करें सिवाय उसके शौहर (पति) के। क्यों के इस्लाम ने सिर्फ औरतों को ही पर्दे में रहने का हुक्म दिया?
क्यों सारी पाबंदियां सिर्फ औरतों के लिए ही हैं? क्यों मर्दों के लिए इस्लाम पर्दे का हुक्म नहीं देता ? लगता हैं इस्लाम एक पुराना और रूढ़िवादी धर्म हैं।
कुछ अज्ञानी लोग बिना इस्लाम को पढ़े और समझें इस्लाम पर इस तरह के बेहूदा इल्जाम लगाने से नहीं चूकते। हालांकि इससे इस्लाम को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि इस्लाम का प्रत्येक कानून प्रत्येक कसौटी (criterion) पर खरा उतरता हैं चाहे वो सामाजिक कसौटी (Social criterion) हो, तार्किक कसौटी (logical criterion) हो या फिर वैज्ञानिक कसौटी (Scientific criterion) हो।
फिर भी इन बेतुके सवालों के जवाब देने जरूरी हैं ताकि सच्चाई सबके सामने आ सकें। इस्लाम में पर्दे का हुक्म सिर्फ औरतों के लिए ही नहीं बल्कि मर्दों के लिए भी हैं। जैसा कि कुरान ए पाक में लिखा है। की “ऐ नबी (मुहम्मद साहब स.अ.व.) कह दो मोमिन (मुसलमान) मर्दों से की अपनी नजरें नीची रखे और अपनी शर्मगाहो (शरीर के खास अंगों) की हिफाजत करें, ये उनके लिए बेहतर हैं” कुरान (24 :30)
कुरान की इस आयत के जरिये अल्लाह तअला मोमिन मुसलमान मर्दों को यह हुक्म दे रहे है कि वे अपनी नजरें नीची रखे और अपनी शर्मगाहो (शरीर के खास अंगों) की हिफाजत करें क्योंकि इसी में उनकी भलाई हैं। यहाँ नजरें नीची रखने का ताल्लुक (सम्बन्ध) पर्दे से ही हैं पर कुछ लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता हैं कि नजरें नीची रखने से पर्दा कैसे हुआ?
तो आइये इस सवाल का जवाब हम विज्ञान से ही पूछ लेते हैं क्योंकि हो सकता हैं कि इस्लाम के तर्क (logics) को कुछ लोग कुबुल ना करे हालांकि हकीकत तो यह हैं कि जो भी विज्ञान आज बता रहा हैं इस्लाम 1500 साल पहले ही बता चुका हैं। ये मै अपने Articles (लेखों) द्वारा साबित भी कर चुका हूँ।
अमेरिका की एक मशहूर Anthropologist (मानव विज्ञानी) जिसका नाम Helen Fisher हैं पिछले 30 सालों से Rutger University, America में Anthropology (मानव विज्ञान) की professor हैं और Human Behaviour (मानव व्यवहार) पर रिसर्च कर रही हैं और इसी विषय पर कई किताबें भी लिख चुकी हैं।
उसने अपने रिसर्च से बताया कि इन्सान के शरीर में कुछ हार्मोन (hormones) होते हैं जैसे Testosterone और Estrogens और दिमाग में कुछ neurotransmitters (रसायन) होते हैं जैसे Dopamine और Serotonin और ये औरतों की तुलना में मर्दों में ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं जो किसी भी व्यक्ति के व्यवहार को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं।
और वह कहती हैं कि जब भी किसी मर्द की नजर किसी औरत पर पड़ती हैं तो ये हार्मोन और रसायन active (सक्रिय) हो जाते हैं और फिर मर्द उस औरत को देखकर उत्तेजित हो जाता हैं। और ऐसा तब होता हैं जब या तो औरत बहुत खूबसूरत (Charming) हो या उसका जिस्म का उभार (Figure) दिखाई देता हो। और ऐसा सिर्फ इन्सानो में ही नहीं बल्कि पक्षियों और जानवरों में भी होता हैं।
आपने सुना भी होगा और देखा भी होगा कि जब कोई हाथी पागल हो जाता है तो वह तबाही मचाने लग जाता हैं। लेकिन विज्ञान कहता है कि वह हाथी पागल नहीं होता है वह तो ऐसा इसलिए करता है क्योंकि उसमें Testosterone की मात्रा बहुत बढ़ जाती हैं।
इसी तरह एक शेर दूसरे शेरों के बच्चों को मार देता है ताकि शेरनी उसकी तरफ (Mating) के लिए आकर्षित हो जाए। और सभी प्रकार के नर जानवर मादा को पाने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं। John Hopkins University के वैज्ञानिकों ने पक्षियों के व्यवहार पर रिसर्च किया और मालूम किया कि नर पक्षी गाना गाते हैं मतलब अलग अलग तरह की आवाजें निकालते हैं ताकि वे मादा पक्षियों को आकर्षित कर सकें।
तो विज्ञान के मुताबिक औरतों (मादाओं) के जिस्म और खूबसूरती को देखकर मर्द (नर) उत्तेजित हो जाते हैं। अगर मर्दों को औरतों की तरफ आकर्षित होने से रोकना है तो औरतें अपनी खूबसूरती व जिस्म को पर्दे में रखें और मर्द भी औरतों को न घुरे तो कुरान में अल्लाह (ईश्वर) ने हमें यही तो हुक्म दिया हैं कि मुसलमान औरतें अपने आप को पर्दे में रखे और मुसलमान मर्द अपनी नजरें नीची रखे मतलब औरत को न घुरे। तो यह साबित हो गया कि इस्लाम ने सिर्फ औरतों को ही नहीं बल्कि मर्दों को भी पर्दा करने का हुक्म दिया हैं और इसी में इन्सानो की भलाई हैं।
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