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अलाउद्दीन खिलजी वह इंसान जिसने अपने वतन हिन्दुस्तान को बचानेके लिए अपनी जान की बाज़ी लगा दी थी| और इसने दुनियाभर में सबसे क्रूरतम माने जाने वाले लड़ाके ‘मंगोलो’ से अपने देश की रक्षा की थी। जिन्होंने बगदाद के खलीफा ‘अबू मुस्तसिम’ बिल्लाह तक को मार गिराया था।
आपको बता दें की इन मंगालों के आक्रमण से गुस्साए शसक खिलजी ने आठ हज़ार मंगोलों का सर कलम कर दिल्ली के सीरी फोर्ट की मीनारों में ईंटों के साथ चुनवा दिया था, कहा जाता है अपने ज़माने में ये एक बहुत दयालु लेकिन दुश्मन के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होने वाला शसक रहा है खिलजी|
कौन थे मंगोल ?
ऐसा इतिहास में जानकारी मिलती है की ये मंगोल पहले ‘मंगोल चीन’ के ‘गोबी’ नाम के जंगलों में छुपकर और डर-डरकर रहते थे और ये मंगोल लड़ाके लाधयियाँ लाधने के लिए हड्डियों से बने घातक हथियारों का इस्तेमाल करते थे|
जब चंगेज खां जब इनका सरदार बना तो इन डरे हुए दब्बू मंगोलों के अंदर एक बढ़ा बदलाव आया और चंगेज खां ने ही मंलोगों का ”यस्सक” धर्म और संविधान बनाया था| मंगोल लड़ाके कभी एक स्थान पर नहीं रहते थे ऊंट की खाल से बने तम्बुओं में रहते थे दस तम्बुओं के समूह को मंगोल एक आउलस (मोहल्ला) कहते थे|
ये लोग दरअसल अलग अलग समूहों को मिलाकर एक नगर जैसा बना लेते थे, और कहा जाता है की ये मंगोल इतने खतरनाक थे कि जिंदा इंसान को तीन मिनट में खा जाते थे| और ये लोग कभी नहाते भी नहीं थे, मंगोल चाहे पुरुष हो या महिला नहाना वर्जित था|
प्यास लगने पर घोड़े के पैर की नस काटकर खून पी लेते थे
विश्व इतिहास के ये पहले और आखरी लड़ाके थे, जो एक दिन में 300 मील की पैदल यात्रा कर लेते थे| और खिलजी ने लगभग 20 साल तक भारत पर पर शासन किया था| बता दें की अलाउद्दीन खिलजी बुलंदशहर का रहने वाला था इसने भारत पर 20 अक्टूबर 1296 से 1316 तक शासन किया|
भारतीय इतिहास में खिलजी का सबसे बड़ा काम माना जाता है क्रूर ‘मंगोलों’ से देश की रक्षा करना, अगर ये मंगोल भारत में घुस गए होते तो सिर्फ भारत का भूगोल ही नहीं हर भारतीय के चहरे का भूगोल बदल जाता, उस समय मंगोल पूरी दुनिया का धर्म और संस्कृति नष्ट करने में लगे थे|
ये जहां जाते थे 50% आबादी को खत्म कर देते थे पुरुषों को मार कर महिलाओं के साथ जबरदस्ती रिलेशन बनाते थे, जिससे पूरी जनरेशन ही चेंज हो जाती थी| मंगोलों के नेता चंगेज खां का नारा था, ‘हम हारे या जीते अपना जीन जरूर छोड़ेंगे’ मंगोल कभी नहाते नहीं थे, इसलिए उनकी बदबू 2 मील तक जाती थी और मंगोल मानव से लेकर हर प्रकार के जीवों का खून पीते थे|
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