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मुजफ्फरनगर के मुस्लिम और जाट समुदाय के प्रतिनिधियों ने पांच दिन पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी. दिल्ली में स्थित मुलायम के आवास पर हुई इस मुलाकात में मुजफ्फनगर में साल 2013 में हुए दंगे को लेकर चर्चा हुई.
इस चर्चा के बाद दोनों समुदाय ने रविवार को दंगों में दायर मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। बता दें कि इन दंगों में कुतबा, कुतबी, पुरबलियां, काकड़ा और हदौली गांव प्रभावित हुए थे, जहां पर हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई थी.
इस हिंसा में इन पांच गांवों में से 29 केस दर्ज किए गए थे। कुल 1400 लोगों पर विभिन्न-विभिन्न मामलों में केस दर्ज किया गया था. वहीं पचास हजार से ज्यादा लोगों को विस्थापित कर दिया गया था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 100 से भी ज्यादा मुजफ्फरनगर के मुस्लिमों, जिनमें हिंसा के पीड़ित भी शामिल थे.
और राष्ट्रीय जाट संरक्षण समीति के अध्यक्ष विपिन बालियां समेत कई नामी जाट नेताओं ने मंगलवार को मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद एक कमेटी मुलायम सिंह के निर्देश पर इन मामलों को सुलझाने और जिले में फिर से शांति बनाने के लिए काम करेगी.
अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ओमपाल नेहरा को इस कमेटी का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। source: https://www.jansatta.com/rajya/uttar-pradesh/2013-muzaffarnagar-riot-case-muslims-and-jat-ready-to-compromise-and-will-take-case-back-after-meeting-with-former-cm-mulayam-singh-yadav/535738/
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