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हज़रत मुआज़ बिन जबल रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो मुसलमान भी रात को वुजू करकेअल्लाह का ज़िक्र करते हुए सोता है, और जब किसी भी वक्त उसकी आँख खुल जाती है. और फिर वो अल्लाह से दुनिया और आखिरत की किसी भी चीज़ का सवाल करता है तो अल्लाह उसे वो चीज़ जरुर अता फरमाता है. सुनन अबू दाउद , जिल्द 3, 1603 – सही
सहल इब्न हुनैफ़ रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की मैं मज़ी के बार बार निकलने से तकलीफ़ में मुब्तला रहता था क्यूंकी मैं अक्सर इसकी वजह से गुसल किया करता था मैने रसूल-अल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम से इस बारे में अर्ज़ किया आप सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फरमाया (मज़ी निकलने) पर सिर्फ़ वुज़ू करना काफ़ी है.
मैने अर्ज़ किया या रसूल-अल्लाह सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम अगर मज़ी कपड़ो पर लग जाए तो क्या करू ? आपने फरमाया एक चुल्लू पानी लेकर उस मुक़ाम पर छिड़क दो जहाँ तुम्हे महसूस हो की मज़ी लगी है सुनन अबू दावूद , जिल्द 1, 210 – हसन
हज़रत अली रदी अल्लाहू अन्हु ने फरमाया की मुझे मज़ी बहुत ज़्यादा आती थी, मैने (अपने शागिर्द) मिक़दाद को हुक्म दिया की वो रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अलैही वसल्लम को इस बारे में पूछे तो जब उन्होने आप सललाल्लाहू अलैही वसल्लम से इस बारे में पूछा तो आपने फरमाया की इसमें (गुसल नही है ) वज़ु फ़र्ज़ है. सही बुखारी, जिल्द 1, 132
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