हदीस- शाम तक 70 हज़ार फरिश्ते उसके लिए रहमत और बख्शीश की दुआ करते हैं जो…

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रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो शख्स क़ुरान पढ़ता है और उसको पढ़ने में माहिर हो वो शख्स ऐसे लिखने वाले (फरिश्तों) के साथ होगा जो बुज़ुर्ग और नेकोकार (जो किरामिन बरारा हैं) हैं और जो शख्स क़ुरान पढ़ता है और उसके लिए मुश्किल होता है तो उसको दुगुना अजर मिलेगा|

रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो शख्स अपने (बीमार) मुसलमान भाई की अयादत के लिए आ रहा होता है तो वो ऐसा है जैसे जन्नत में चल रहा है यहाँ तक की वो बैठ जाए, और जब वो बैठ जाता है तो अल्लाह की रहमत उसको ढांप लेती है|

और सुबह का वक़्त हो तो शाम तक 70,000 फरिश्ते उसके लिए रहमत और बखशीश की दुआ करते हैं और अगर शाम का वक़्त हो तो सुबह तक 70,000 फरिश्ते उसके लिए रहमत और बख़्शिस की दुआ करते हैं|

Bismillahirrahmanirrahim
?_???jo shaksh Quran padhta hai aur uske liye mushkil hota hai to usko duguna ajar milega.??
☝Dekho ye Quran ek naseehat hai, isliye jo chahe isko yaad rakhe, Qabil e Adab warqo mein likha hua jo buland muqam par aur paak hain, un likhne walon ki hatho mein jo buzurg aur neikokar hain.

?Quran-Surah Abasa Surah nu(80)Aayat(11-16)
?Hazrat Aisha Radi Allahu Anha se rivayat hai ki Rasool-Allah Sallallahu Alaihi wasallam ne farmaya jo shakhs Quran padhta hai aur usko padhne mein mahir ho wo shakhs aise likhne wale (farishto) ke saath hoga jo buzurg aur nekokar (Kiramin-Bararah) hain aur jo shaksh Quran padhta hai aur uske liye mushkil hota hai to usko duguna ajar milega.

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