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रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़ातिमा रदी अल्लाहू अन्हा से फरमाया जब तुम सुबह या शाम करो तो इस तरह कहा करो….या हय्यू या क़य्यूम, बी-राहमातिका अस्तगीस , वाअसलिहली शाअनि कुल्लाहू, वाला ताकिलनी इला नफसी तरफता अयनिन अबादा.
एह ज़िंदा हमेशा क़ायम रहने वाले तेरी रहमत के ज़रिए से फ़रियाद करता हूँ , मेरे तमाम हालात दुरुस्त कर दे और कभी भी पलक झपकने के बराबर भी मुझे मेरे नफ़स के हवाले ना कर. अल सिलसिला अस साहिहा, 2942
रसूल अल्लाह सलअल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया खाना खा कर शुक्र करने वालों को रोज़ा रखकर सब्र करने वालों के बराबर सवाब मिलता है. सुनन इब्न माजा जिल्द 1, 1765- हसन
अल क़ुरान : या रब, हमारे और हमरे भाईयों के जो हमसे पहले ईमान लाए हैं के गुनाह माफ़ फ़रमा और मोमीनो की तरफ से हमारे दिल में कीना (हसद) पैदा ना होने दे , या रब तू बड़ा शफक़त करने वाला और मेहरबान है
अल क़ुरान: सुरह अल हशर (59) , #10
अबू अय्यूब अल-अंसारी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो रमज़ान के रोज़ रखे और उसके बाद 6 ( रोज़े ) शव्वाल के भी रखे तो उसको हमेशा के रोज़ो का सवाब होगा. सही मुस्लिम, जिल्द 3, 2758
सोबान रदी-अल्लाहू-अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सललल्लाहू-अलैही-वसल्लम ने फरमाया जो ईद उल फितर के बाद 6 दिन रोज़ा रखे तो उसको पूरे साल रोज़ा रखने का सवाब मिलेगा, जो एक नेकी लाएगा उसको इसका 10 गुना अजर मिलेगा. सुनन इब्न माजा , जिल्द 1 , 1715- सही
नोट : उलमा कहते हैं की अगर कोई ईद के फॉरन बाद ये ६ रोज़े ना रख सके तो पूरे शव्वाल महीने में कभी भी एक एक करके या एक ही साथ ये 6 रोज़ रखे जा सकते हैं.
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