जब अचानक अल्लाह तआला ने हज़रत जिबरील अलैहीस्सलाम को एक बदली के साथ भेजा…

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हजरते ईसा अलैहीस्सलाम ने जब यहूदियों के सामने अपनी नबुव्वत का एलान फ़रमाया तो चूंकि यहूदी तौरात में पढ़ चुके थे कि हजरते ईसा मसीह अलैहीस्सलाम इन के दीन को मन्सूख कर देंगे। इस लिये यहूदी आप के दुश्मन हो गए।

यहां तक कि जब हजरते ईसा अलैहीस्सलाम ने येह महसूस फ़रमा लिया कि यहूदी अपने कुफ्र पर अड़े रहेंगे और वोह मुझे कत्ल कर देंगे तो एक दिन आप ने लोगों को मुखातब कर के फ़रमाया कि कौन मेरे मददगार होते हैं अल्लाह के दीन की तरफ़।

बारह या उन्नीस हवारियों ने येह कहा कि हम खुदा के दीन के मददगार हैं। हम अल्लाह पर ईमान लाए और आप गवाह हो जाएं कि हम मुसलमान हैं। बाक़ी तमाम यहूदी अपने कुफ्र पर जमे रहे यहां तक कि जोशे अदावत में इन यहूदियों ने आप के कत्ल का मन्सूबा बना लिया और एक शख़्स को यहूदियों ने जिस का नाम ‘तत्यानूस” था आप के मकान में आप को कत्ल कर देने के लिये भेजा।

इतने में अचानक अल्लाह तआला ने हजरते जिब्रील अलैहीस्सलाम को एक बदली के साथ भेजा और उस बदली ने आप को आस्मान की तरफ़ उठा लिया। आप की वालिदा जोशे महब्बत में आप के साथ चिमट गई तो आप ने फ़रमाया कि अम्मां जान.

अब कियामत के दिन हमारी और आप की मुलाक़ात होगी और बदली ने आप को आस्मान पर पहुंचा दिया। येह वाकिअ बैतुल मुक़द्दस में शबे कृद्र की मुबारक रात में वकअ पज़ीर हुवा।

उस वक्त आप की उम्र शरीफ़ ब कौले अल्लामा जलालुद्दीन सुयूती रदीअल्लाहो तआला अन्हो 33 बरस की थी और ब कौले अल्लामा जुरकानी (शारेह मवाहिब) उस वक्त आप की उम्र शरीफ़ एक सो बीस बरस की थी और हजरते अल्लामा जलालुद्दीन सुयूती रदीअल्लाहो तआला अन्हो ने भी आखिर में इसी क़ौल की तरफ़ रुजूअ फ़रमाया।

“ततयानूस” जब बहुत देर मकान से बाहर नहीं निकला तो यहूदियों ने मकान में घुस कर देखा तो अल्लाह तआला ने ‘ततयानूस” को हज़रते ईसा अलैहीस्सलाम की शक्ल का बना दिया। यहूदियों ने ‘ततयानूस” को हज़रते ईसा समझ कर कत्ल कर दिया।

इस के बाद ततयानूस के घर वालों ने गौर से देखा तो सिर्फ चेहरा हजरते ईसा अलैहीस्सलाम का था बाक़ी सारा बदन ततयानूस ही का था तो इस के अहले खानदान ने कहा कि अगर येह मक्तूल हजरते ईसा हैं तो हमारा आदमी ततयानूस कहां है.? और अगर येह ततयानूस है तो हजरते ईसा कहां गए.?

इस पर खुद यहूदियों में जंगी जिदाल की नौबत आ गई और खुद यहूदियों ने एक दूसरे को कत्ल करना शुरूअ कर दिया और बहुत से यहूदी कत्ल हो गए। खुदावन्दे कुद्दुस ने कुरआने मजीद में इस वाक़िए को इस तरह बयान फ़रमाया तर्जमए_कन्जुल_ईमान और काफ़िरों ने मक्र किया और अल्लाह ने उन के हलाक की खुफ्या तदबीर फ़रमाई और अल्लाह सब से बेहतर छुपी तदबीर वाला है.

याद करो जब अल्लाह ने फ़रमाया : ऐ ईसा ! मैं काफ़िरों से पाक कर दूंगा और तेरे पैरूओं को क़ियामत तक तेरे मुन्किरों पर गलबा दूंगा फिर तुम सब मेरी तरफ़ पलट कर आओगे तो मैं तुम में फैसला फ़रमा दूंगा जिस बात में झगड़ते हो।

आप के आस्मान पर चले जाने के बा”द हजरते मरयम रदीअल्लाहो तआला अन्हु ने छे बरस दुन्या में रह कर वफ़ात पाई। (बुखारी व मुस्लिम की) रिवायत है कि कुर्वे क़ियामत के वक्त हजरते ईसा अलैहीस्सलाम जमीन पर उतरेंगे और नबिय्ये आखिरुज़्ज़मां ﷺ की शरीअत पर अमल करेंगे और दज्जाल व खिन्जीर को कत्ल फ़रमाएंगे और सलीब को तोड़ेगे और सात बरस तक दुन्या में अद्ल फ़रमा कर वफ़ात पाएंगे और मदीनए मुनव्वरा में गुम्बदे खजरा के अन्दर मदफून होंगे।

और कुरआने मजीद में ईसाइयों का रद्द करते हुवे येह भी नाज़िल हुवा कि तर्जमए_कन्जुल_ईमानऔर बेशक उन्हों ने इस को कत्ल न किया बल्कि अल्लाह ने इसे अपनी तरफ़ उठा लिया और अल्लाह गालिब हिक्मत वाला है। और इस से ऊपर वाली आयत में है कि उन्होंने न इसे कत्ल किया और न इसे सूली दी बल्कि उन के लिये इस की शबीह (शक्लो सूरत) का एक बना दिया गया।

खुलासए कलाम येह है कि हजरते ईसा अलैहीस्सलाम यहूदियों के हाथों मक्तूल नहीं हुवे और अल्लाह ने आप को आस्मानों पर उठा लिया, जो येह अक़ीदा रखे कि हजरते ईसा अलैहीस्सलाम कत्ल हो गए और सूली पर चढ़ाए गए जैसा कि नसारा का अक़ीदा है तो वोह शख्स काफ़िर है क्यूंकि कुरआने मजीद में साफ़ साफ़ मज़कूर है कि हजरते ईसा अलैहीस्सलाम न मक्तूल हुवे न सूली पर लटकाए गए। अजाइबुल कुरआन मअ गराइबुल कुरआन पेज नं ७४ से -७५-७६

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