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आयशा रदी अल्लाहू अन्हा से रिवायत है की जब हम में से कोई बीमार होता या उसको कोई ज़ख़्म लगता तो रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम अपने कलमे की उंगली को ज़मीन पर रखते और ये फरमाते हुए उस (ऊँगली) को उठाते|
बिस्मिल्लही बितुर्बतु अर्दिना, बिरिक़ाती बादीना, लीयुशफा साक़िमुना, बिेइज़नी रब्बीना ( अल्लाह के नाम से, हमारे ज़मीन की मिट्टी , हम में से किसी के लुआब (सलाइवा) के साथ , इस से शिफा पाएगा हमारा बीमार, अल्लाह के हुक्म से.) सही मुस्लिम , जिल्द 5, हदीस 5719
इब्न अब्बास रदी अल्लाहू अन्हुमा से रिवायत है की नबी करीम सल-अल्लाहू अलैही वसल्लमने फरमाया शिफा तीन चीज़ों में है. शहद के शरबत में, पछना लगवाने में (यानी हिजामा में ) और आग से दागने में लेकिन मैने उम्मत को आग से दाग कर इलाज करने से माना फरमाया है| सही बुखारी, जिल्द 7, 5681
अबू हुरैरह रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिस शख्स ने 17, 19 और 21 तारीख के दिन हिजामा करवाया तो उसमें हर बीमारी से शिफा है. सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 463-हसन
इब्न अब्बास रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने एहराम की हालत में अपने सिर में हिजामा करवाया , आधे सिर में दर्द की वजह से जो आपको हो गया था| सही बुखारी, जिल्द 7, 5701
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