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उम्म सलमा रदी अल्लाहू अन्हा से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने इनके घर में एक लड़की देखी जिसके चेहरे पर काले धब्बे पढ़ गये थे , आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया इस पर दम करा दो
क्यूंकी इसको नज़र लग गयी है. सही बुखारी, जिल्द 7, 5739
इब्न अब्बास रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की नबी करीम सलअल्लाहू अलैही वसल्लम हुसैन और हसन रदी अल्लाहू अन्हुमा के लिए पनाह तलब किया करते थे और फरमाते थे की तुम्हारे बुज़ुर्ग दादा (इब्राहिम अलैही सलाम) भी इस्माईल
और ईशहाक (अलैही सलाम) के लिए इन्ही कालीमात के ज़रिए अल्लाह की पनाह माँगा करते थे.
أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّةِ مِنْ كُلِّ شَيْطَانٍ وَهَامَّةٍ وَمِنْ كُلِّ عَيْنٍ لامَّةٍ
आऊज़ु बिकालिमातिल्लाहीत ताम्माह
वा मीन कुल्ली शयतानीव वा हाम्माह
वा मीन कुल्ली अयनील आम्माह
(मैं पनाह माँगता हूँ अल्लाह की पूरे पूरे कलिमात के ज़रिए, हर शैतान से और हर ज़हरीले जानवर से और हर नुकसान पहुँचने वाली बुरी नज़र से ) सही बुखारी, जिल्द 4,3371
आयशा रदी अल्लाहू अन्हा से रिवायत है की जब हम में से कोई बीमार होता या उसको कोई ज़ख़्म लगता तो रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम अपने कलमे की उंगली को ज़मीन पर रखते और ये फरमाते हुए उस (ऊँगली) को उठाते
बिस्मिल्लही बितुर्बतु अर्दिना, बिरिक़ाती बादीना, लीयुशफा साक़िमुना, बिेइज़नी रब्बीना ( अल्लाह के नाम से, हमारे ज़मीन की मिट्टी , हम में से किसी के लुआब (सलाइवा) के साथ , इस से शिफा पाएगा हमारा बीमार, अल्लाह के हुक्म से.) सही मुस्लिम , जिल्द 5, हदीस 5719
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