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दाढ़ी सभी नबियों की सुन्नत है। दाढ़ी रखने से100 शहीदो का सवाब मिलता है।
बालिग होने से लेकर मौत तक का लगातार अमल है और मरने तक दाढ़ी रखने का सवाब मिलता है।
नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मोहब्बत की अलामत है।
अल्लाह की रज़ा का सबब है।
गला और छाती ठंडी हवा के नुक्सान से मेहफ़ूज़ रहता है।
मुस्लमान की पहचान है ,लोग देख कर सलाम करेंगे और मदद के लिए तैयार हो जायेंगे।
दाढ़ी में कंघी करने पर दुश्मनो के दिल में हमारा खौफ पैदा होता है।
चेहरे का नूर बढ़ाता है। नैक और शरीफ लोगो की निशानी है।
इज़्ज़त को बढाती है।
भरोसे को बढाती है।
हया पैदा करती है।
गुनाह से बचने का सबब है।
मर्दानगी को बढाती है।
खूबसूरत हूरों का इनाम है।
जन्नत में मन पसंद चेहरा उसे दिया जायेगा।
चेहरे पर बार बार उस्तरा चलाने से उसकी कुदरती चमक ख़तम हो जाती है जिससे सूरज की ज़हरीली किरणों के बैक्टीरिया गाल के रास्ते से अंदर चले जाते है।
दाढ़ी ना रखने से औरतो की सिफ़त पैदा होती है।
दीन पर चलना आसान हो जाती है।
दाढ़ी वाले चेहरे की साथ मौत के फ़रिश्ते भी अदब से पेश आते हैं।
जब इंसान की रूह निकलती है तो मौत की परेशानी कम होती है।
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