जन्नत के बारे में दिलच्सप और हैरतगंज तफ़सील, कुरान-हदीस में लिखा है कि…

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इस तफ्सील देने का मकसद ये है कि आपके दिल में इसके हसूल का शौक पैदा हो। और आप अच्छे आमाल से इसको हासिल करने की कोशिश करें और इस फानी दुनिया को आखिरत की ज़िंन्दगी पर तर्जीह ना दें.

जन्नत क्या है?

अल्लाह ताला ने अपने बंदों को उनके अच्छे-अच्छे आमाल का अपने फज़ल व कर्म से बदला और इनाम देने के लिए आख़िरत में जो शानदार मकान तैयार कर रखा है उसका नाम जन्नत है, और उसी को बह्शत भी कहते हैं. जन्नत में हर किस्म की राहत व शादमानी फरहत का सामान मौजूद है, सोने चांदी और मोती व जवाहरात के लंबे चौड़े और ऊंचे ऊंचे महल बने हुए हैं.

और जगह-जगह रेशमी कपड़ों के खूबसूरत व नफीस खेमे लगे हुए हैं। हर तरफ तरह-तरह के लज़ीज़ और दिल पन्संद मेवों के घने शादाब और सायादार दरख्तों के बागात हैं और उन बागों में शिरीं पानी नफीस दूध उम्दा शहद और शराब तहुर की नहरें जारी हैं।

किस्म-किस्म के बेहतरीन खाने और तरह-तरह के फल फ्रूट साफ सुथरे और चमकदार बर्तनों में तैयार रखे हैं आला दर्जे के रेशमी लिबास और सितारों से बढ़कर चमकते और जगमगाते हुए सोने चांदी और मोती व जवाहरात के ज़ेवरात ऊंचे ऊंचे जड़ावो तख्त उन पर गालिचे और चांदनियां बिछी हुई और मसनदें लगी हुई हैं ऐश व निशात के लिए दुनिया की औरतें और जन्नत की हूरें हैं।

जो बेइंतेहा हसीन वह खूबसूरत हैं खिदमत के लिए खूबसूरत लड़के चारों तरफ दस्त बस्ता हर वक्त हाज़िर हैं। अल्गर्ज़ जन्नत में हर किस्म की बेशुमार राहतें और नेमतें तैयार हैं और जन्नत की हर नेमत इतनी बेनज़ीर और इस कदर बेमिसाल है कि ना कभी किसी आंख ने देखा ना किसी कान ने सुना ना किसी के दिल में उसका ख्याल गुज़रा। जन्नती लोग बिला रोक-टोक उन तमाम नेमतों और लज़्ज़तों से लुत्फ अंन्दोज़ होंगे और उन तमाम नेमतों से बढ़कर जन्नत में सबसे बड़ी नेमत मिलेगी की जन्नत में जन्नतीयों को खुदावंद कुद्दूस का दीदार नसीब होगा।

जन्नत में ना नींद आएगी ना कोई मर्ज़ होगा ना बुढ़ापा आएगा ना मौत होगी जन्नती हमेशा हमेशा जन्नत में रहेंगे और हमेशा तंदुरुस्त और जवान ही रहेंगे अहले जन्नत खूब खाएं पिएंगे मगर ना उनको पेशाब पाखाना की हाजत होगी ना थुकेंगे ना उनकी नाक बहेगी बस एक डकार आएगी और मुश्क से ज़्यादा खुशबूदार पसीना बहेगा और खाना-पीना हज़म हो जाएगा। जन्नती हर किस्म की फ़िक्रों से आज़ाद और रंज-ओ-ग़म की ज़हमतों से महफूज़ रहेंगे। हमेशा हर दम और हर कदम पर शादमानी और मुसर्रत की फिज़ाओं में शादो आबाद रहेंगे और किस्म-किस्म की नेमतों और तरह-तरह की लज़्ज़तों से लुत्फ़ अंदोज़ महफूज़ होते रहेंगे.

खुलासा क़ुरआन व हदीस जन्नत कहां है:

ज़्यादा सही कौल यह है कि जन्नत सातवें आसमान के ऊपर है क्योंकि कुरआन मजीद में है कि
عِنۡدَ سِدْرَۃِ الْمُنْتَہٰی ﴿۱۴﴾عِنۡدَہَا جَنَّۃُ الْمَاۡوٰی ﴿ؕ۱۵﴾
(پ۲۷،النجم:۱۴،۱۵)

यानी सिदरतुल मून्ताहा के पास ही जन्नतुल मावि है और एक हदीस में आया है कि जन्नत की छत अर्श पर है
۔
شرح المقاصد،المبحث الخامس،الجنۃ والنار…الخ،ج۳،ص۳۶۱
(حاشیہ شرح عقائد نسفیہ،ص۸۰)
جنتیں کتنی ہیں؟
جنتوں کی تعداد آٹھ ہے جن کے نام یہ ہیں۔
(۱)دارالجلال (۲) دارالقرار (۳) دارالسلام (۴) جنۃ عدن
(۵)جنۃ الماویٰ (۶)جنۃ الخلد (۷)جنۃ الفردوس(۸)جنۃ النعیم(1)
(تفسیر روح البیان،ج۱،ص۸۲)

जन्नत की मंज़िलें
हदीस शरीफ में है कि जन्नत के सौ दर्जे हैं और हर दो दर्जों के दरमियान 100 बरस की राह है (मिश्कात जिल्द नंबर दो सफा नंबर 496)

और एक हदीस में यह भी आया है कि जन्नती लोग जन्नत के बाला खानों को इस तरह देखेंगे जिस तरह तुम लोग ज़मीन से मशरिक या मगरिब में चमकने वाले तारों को देखा करते हो (मिश्कात जिल्द नंबर दो सफा 6 19)

जन्नत के फाटक
हदीस शरीफ में है कि जन्नत के फाटक इतने बड़े-बड़े हैं कि उसके दोनों बाज़ुओं के दरमियान 40 बरस का रास्ता है मगर जब जन्नती जन्नत में दाखिल होने लगेंगे तो उन फाटकों पर हुजूम की कसरत से तंगी महसूस होने लगेगी
(मिश्कात जिल्द नंबर 2 सफा नंबर 496)

जन्नत के बागात
जन्नत के बागों के बारे में हुज़ूर अकरम सल्ल्लाहू ताला अलैहि वसल्लम का इरशाद है कि मोमिन जब जन्नत में दाखिल होगा तो वह सत्तर हज़ार ऐसे बागात देखेगा की हर बाग में सत्तर हज़ार दरख़्त होंगे और हर दरख्त पर सत्तर हज़ार पत्ते होंगे और हर पत्ते पर ये लिखा होगा
لَآ اِلٰـہَ اِلَّا اللہُ مُحَمَّدٌ رَّسُوْلُ اللہِ اُمَّۃٌ مُّذْنِبَۃٌ وَّرَبٌّ غَفُوْرٌ اور ہر پتے کی چوڑائی مشرق سے مغرب
तक के बराबर होगी (रुहुल बयान ज़ि नंबर 1 सफा नंबर 82)

और एक रिवायत में है कि जन्नत के तमाम दरख्तों के तने सोने के हैं (मिस्कात जिल्द नंबर दो सफा नंबर 496)

जन्नत की इमारतें
जन्नत की इमारतों में एक ईंट सोने की और एक ईंट चांदी की है। और उस का गारा निहायत ही खुशबूदार मुश्क है और उसकी कंकरिया मोती और याकूत हैं और उसकी धूल ज़ाफरान है (मिश्कात जिल्द नंबर दो सफा नंबर 496)

और ये भी मरवी है कि बाद इमारतें नूर की और बाज़ याकूत सुर्ख की और बाज़ ज़मरद की हैं। (रुहुल बयान जिल्द नंबर 1 सफा नंबर 82)

जन्नत की नहरें और हौज़ कौसर
जन्नत में शिरीं पानी शहद दूध और शराब की नहरें बहती हैं
(मिश्कात जिल्द नमंबर 2 सफा नमबर 500)

जब जन्नती पानी की नहर में से पिएंगे तो उन्हें ऐसी हयात मिलेगी कि फिर उन्हें मौत ना आएगी और जब दूध की नहर में से नोश करेंगे तो उनके बदन में ऐसी फर्बही पैदा होगी कि फिर कभी लागर ना होंगे और जब शहद कि नहर में से पी लेंगे तो उन्हें ऐसी सेहत व तंदुरुस्ती मिल जाएगी कि फिर कभी वोह बीमार ना होंगे और जब शराब की नहर में से पिलाए जाएंगे तो उन्हें ऐसा निशात और खुशी का सरूर हासिल होगा कि फिर कभी वोह गमगीन ना होंगे रुहुल बयान (जिल्द नंबर 1 सफा नंबर 82)

ये चारों नहरें एक हौज़ में गिर रही हैं जिसका नाम हौज़े कौसर है यही हौज़ हुज़ूर अकरम सल्ल्लाहु ताला अलैही वसल्ल्म का हौज़े कौसर है जो अभी जन्नत के अंन्दर है लेकिन क्यामत के दिन मैदाने मह्शर में लाया जाएगा जहाँ हुज़ूर अकरम सल्ल्लाहु ताला अलैही वालेही वसल्लम उस हौज़ से अपनी उम्मत को सेराब फरमांएगें (रुहुल अल्बयान जिल्द सफा 83)

जन्नत के चश्मे
इन चारों नहरों के अलावा जन्नत में दूसरे चश्मे भी हैं जिनके नाम ये हैं (1 काफूर) (2 ज़ंजील) (तीन सल सबील )(चार रहीक)( पांच तस्नींम)( रुहुल बयान जिल्द नंबर 1 सफा नंबर 83)

अहले जन्नत की उम्रें
हर जन्नती ख्वा बचपन में मरा हो या बूढ़ा हो कर वफ़ात पाई हो हमेशा जन्नत में उसकी उम्र 23 ही बरस की रहेगी उससे ज़्यादा कभी उसकी उम्र नहीं बढ़ेगी और वोह हमेशा हमेशा उसी तरह जवान रहते हुए आराम व राहत की ज़िंदगी बसर करता रहेगा (तिरमिजी जिल्द नंबर 2 शफा नंबर 80)

जन्नतीओ की बीवियां और खुद्दाम
अदना दर्जे के जन्नती को 80 80 हज़ार खादिम और 72 बीवियां मिलेगी और उसके लिए मोती और ज़बर जदो याकूत का इतना लंबा चौड़ा खेमा गाडा जाएगा जितना कि जाबिया और सना के 2 शहरों के दरमियान फासला है।
(तिर्मिज़ी जिल्द नंबर 2 सफा नंबर 80)

हुरों का जल्सा और गाना
जन्नत में हुरों का जल्सा होगा जिसमें हुरें इस मज़मुन का गाना सुनाएगीं कि हमं हमेशा रहने वालियां हैं तो हमं कभी फना ना हुंगी हमं चैन में रहने वालियां हैं हम कभी नाराज़ ना हुआ करेंगे मुबारक बाद है उनके लिए जो हमारे लिए हो और हम उनके लिए हों। (तिर्मिज़ी जिल्द नंबर 2 सफा नंबर 80)

जन्नत के बाज़ार
हर जुमा के दिन जन्नत में एक बाज़ार लगेगा कि उसमें सुमाली हवा चलेगी जो जन्नतीयों के चेहरों और कपड़ों पर लगेगी तो उनके हुस्न व जमाल में निखार पैदा होकर बहुत ज़्यादा खूबसूरत हो जाएंगे और जब वोह बाज़ार से पलट कर अपने घर जाएंगे तो उनके घरवाले कहेंगे कि तुम तो खुदा की कसम हुस्न व जमाल में बहुत बढ़ गए हो तो ये लोग कहेंगे कि हमारे पीछे तुम लोगों का हुस्न जमाल भी बहुत बढ़ गया है
(मिश्कात जिल्द नंबर 2 सफा नंबर 494)

جنت میں خدا عزوجل کا دیدار
حضور اکرم صلی اللہ تعالی علیہ وآلہ وسلم
का इरशाद है कि जब जन्नती जन्नत में दाखिल हो जाएंगे तो खुदा का एक मुनादी ऐलान करेगा कि अहले जन्नत अभी तुम्हारे लिए अल्लाह का एक और वादा भी है तो अहले जन्नत कहेंगे कि अल्लाह ने हमारे चेहरों को रोशन नहीं कर दिया है क्या अल्लाह ने हम को जहन्नुम से निजात देकर जन्नत में नहीं दाखिल कर दिया है तो मुनादी जवाब देगा कि क्यों नहीं फिर। एक दम खुदावंद कुद्दूस अपने हिजाब अक्दस को दूर फरमा देगा और जन्नती लोग खुदा का दीदार कर लेंगे तो जन्नतीयों को उससे ज़्यादा जन्नत की कोई नेमत प्यारी ना होगी (तिरमिजी जिल्द नंबर 2 सफा नंबर 68)

इसी तरह बुखारी और मुस्लिम की हदीस में है
हज़रत जरेर बिन अब्दुल्लाह रज़ी अल्लाहु ताला कहते हैं कि हम लोग रसूलुल्लाह की खिदमत में बैठे हुए थे तो हुज़ूर अकरम सल्ल्लाहु अलैही वसल्लम ने चौंधवी रात को चांद की तरफ देखकर इरशाद फरमाया कि तुम लोग अन्करीब कयामत के दिन अपने रब को देखोगे।

जिस तरह तुम लोग चांद को देख रहे हो यानी जिस तरह चांद को देखने में कोई किसी के लिए हिजाब और आड़ नहीं बनता उसी तरह तुम लोग अपने रब को देखोगे तो अगर तुम लोगों से हो सके तो नमाज़ फजर व नमाज़ असर कभी ना छोड़ो
(मिश्कात जिल्द नंबर 2 सफा नंबर 500)

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