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अल क़ुरान: अगर तुम उन बड़े गुनाहों से बचोगे जिनसे तुम्हे मना किया गया तो हम तुम्हारे (छोटे) गुनाह माफ़ कर देंगे और तुम्हे इज्ज़त के मक़ाम में दाखिल करेंगे. सुराह अन-निसा (4) आयत 31
अल क़ुरान : आप से शराब और जुए के बारे में पूछते हैं कह दो इनमें बड़ा गुनाह है और लोगों के लिए कुछ फ़ायदे भी हैं मगर उनका गुनाह उनके फ़ायदे से बहुत बड़ा है. सुराह अल-बक़रा, (2), आयत 219
अल क़ुरान : और यतीमों को उनके माल दे दो और नापाक को पाक से ना बदलो और उन के माल अपने माल के साथ मिला कर ना खा जाया करो , ये बड़ा गुनाह है. सुराह न-निसा , आयात 2
अनस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम से बड़े (कबीरा) गुनाहों के बारे में पूछा गया तो आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया.
1. अल्लाह के साथ किसी को शरीक करना,
2. वालदेन (माँ बाप) की नाफ़रमानी करना,
3. किसी की (नाहक़) जान लेना ,
4. और झूठी गवाही देना.
सही बुखारी, जिल्द 4, 2653
अब्दुल्ल्लह बिन उमर रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया यक़ीनन कबीरा गुनाहों में से ये भी है की कोई अपने वालदेन (माँ बाप) पर लानत भेजे (लोगो ने पूछा) की या रसूल अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम कोई शख़्श अपने ही वालदेन (माँ बाप) पर लानत कैसे भेजेगा.
तो आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लमने फरमाया जब कोई शख्स दूसरो के वालिद को बुरा कहेगा तो दूसरा भी उसके वालिद और माँ को बुरा कहेगा (और इस तरह वो कबीरा गुनाह कर देगा) सही बुखारी, जिल्द 7, 5973
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