(स.अ.व.) फ़रमाते हैं अगर झुक जाने से तुम्हारी इज्ज़त घट जाये तो क़यामत के दिन मुझसे ले लेना…

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हज़रत अली ने फ़रमाया है कि हमेशा समझोता करना सीखो क्यूंकि थोडा सा झुक जाना किसी रिश्ते का हमेशा के लिए टूट जाने से बेहतर है. इस पर, आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सलाम ने फ़रमाया: अगर झुक जाने से तुम्हारी इज्जत घट जाये तो क़यामत के दिन मुझसे ले लेना सुभानल्लाह

नबी करीम (सल्लाहु वलैहि वस्सलाम ) ने फरमाया: इन मौक़ों पर फ़ौरन दुआ मांगो.., उस वक़्त दुआ रद्द नहीं होगी , 1) जब धुप में बारिश हो रही हो , 2) जब अज़ान हो रही हो . 3) सफर के दोरान .. 4) जुमा के दिन .. 5) रात को आँख खुले तो उस वक़त .. 6) मुसीबत के वक्त .. 7) फ़र्ज़ नमाज़ों के बाद ..आप (सल्लाहु वलैहि वस्सलाम ) ने फरमाया : अल्लाह उस के चेहरे को रोशन करे जो हदीस सुन के आगे पोहंचता है .”1) सुभानल्लाह 2) अल्हम्दुल्लाह 3) अल्लाहुअकबर

हदीस:-जब तुम अपने बिस्तर पर जाओ तो सुराः फ़ातिह और सूरह इखलास को पढ़ लिया करो, तो मौत के अलावा हर चीज़ से खौफ हो जाओगे.वह दिन क़रीब है जब आसमान पे सिर्फ एक सितारा ⭐ होगा. तौबा का दरवाज़ा बंद कर दिया जायेगा. क़ुरआन के हरूफ मिट जायेंगे , सूरज ज़मीन के बिलकुल पास आ जायेगा.

हुज़ूर सलल्लाहू अलैह वसल्लम ने फ़रमाया “बे नूर हो जाये उसका चेहरा जो कोई मेरी हदीस को सुन कर आगे न पहिचए.

हज़रत अबू हुरैराह रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया- जब आदमी मर जाता है तो उसका अमल रुक जाता है, मगर तीन चीजों का सवाब जारी रहता है:सदक़ा-ए-ज़ारिया का ।उस इल्म का जिससे लोग फ़ायदा उठाएँ ।नेक औलाद का जो उसके लिये दुआ करे । सही मुस्लिम, जिल्द 3, किताबुल-वसिया, हदीस 4005

ये दुनिया मोमिन के लिए कैदखाना है. (क्यों के दुन्यामे हम अपनी मर्जीके मताबिक़ नहीं चल सकते, अल्लाह तआला केएहकामके ताबे है.) काफिरोके लिए दुन्या जन्नत है क्यों के वोह शैतानका कहा करते है, इसलिए दुन्या उनको जन्नत दिखाई देती है.(हवाला:- मुस्लिम शरीफ)

अल्लाह अज़वजल की तरफ से तुम्हे जो रोज़ी- मदद मिलती है वोह तुम्हारे लाचार, कमज़ोर नन्ही औलाद और ज़ईफ़ोकी वजहसे है. (हवाला:- बुखारी शरीफ)

तुम्हारे बीच दो ऐसी चीज़े छोड़ जाता हूँ के तुम जब तक उन्हें थामे रहोगे भटकोगे नही.(अ). एक तो अल्लाह तआला की किताब कुर्राने मजीद(b). मेरी (नबीकी) सुन्नत अर्थात हदीश शरीफ

 

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