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खातिमूल अम्बिया सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के आखिरी नबी होने के सबब ये उम्मत आखिरी उम्मत है, इसी उम्मत के अफराद की जिम्मेदारी है कि वो कयामत तक आने वाले इंसान की सही रहबरी करे जिससे वो हकीकी खालिक को पहचाने और उसकी मान कर जिंदगी गुजारे|
ये ही वजह है के ये उम्मत इबलीस और इसके तमाम चेलो और इनकी फौजो के हमलो का वाहिद निशाना है, नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की वफात से अब तक आलमी सतह पर इबलीस और इसकी फौज के हमलो और उम्मत के अंदर पैदा होने वाली कमजोरीयो, कोताहीयो के नतीजे मे उम्मत मुसलसल टूटती बिखरती और कमजोर होती चली गई|
उम्मत का ये हाल आज अपनी आखिरी हदो को पार कर रहा है, चुनांचे उम्मत इस वक्त दो अजीम मसाइल मे घिरी हुई है। आलमी सतह से मकामी सतह तक उम्मत हर तरह के अहले कायदीन से लगभग खाली हो चुकी है, खासकर तीन पहलूओ और जिंदगी के हिस्सो मे अहले कायदीन बयां हद तक खाली हो चुकी है, कायदीन के तीन पहलू ये है।
आला तरीन सतह से अदना तरीन सतह तक उम्मत अहले कायदीन से खाली हो चुकी है, मुसलमानो पर हुकूमत करने वाले हुक्मरान इमान, नेक आमाल, इमानी जज्बे से महरूम हो चुके है, जिसका नतीजा ये हुआ के वो मुस्लिम हुक्मरान के मकसद हुक्मरानी, आदाब हुक्मरान, हुकूमत करने का सलीका से महरूम हो चुके है|
गोया कि वो जमाना आ गया है जिसकी खबर नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने यू दी थी” “तुम पर ऐसे हुक्मरान बनेगे जो मजूसियो (आतिश परस्तो) से भी बदतर होगे।
” हजरत अबु उमामा रजि अल्लाहु अन्हु कहते है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया के आखिरी जमाने मे इस उम्मत पर ऐसे लोग मुसल्लत हो जाएगे, जिनके पास गाय के दुम जैसे कोडे होगे, वो लोग अल्लाह के गुस्से मे सुबह करेगे और गजब मे शाम करेगे। [मुसनद अहमद 21129]
अनकरीब मेरे बाद ऐसे हुक्मरान होगे जो (कुफ्र व गुमराही पर मबनी) बाते करेगे मगर किसी को उनको टोकने की हिम्मत ना होगी, ये सब लोग जहन्नुम मे घुसेंगे।[तबरानी]
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