वुज़ू किया फिर ये दुआ पढ़े तो उसको (जहन्नुम से) आज़ाद लोगो में लिख दिया जाता है और उस पर एक मोहर लगा दी जाती है जो क़यामत…
TheIslamicWorldइस्लाम
हज़रत अबू सईद खुदरी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु अलैही वसल्लम ने फ़रमाया जिस शख्स ने वुज़ू किया फिर ये दुआ पढ़े तो उसको (जहन्नुम से) आज़ाद लोगो में लिख दिया जाता है और उस पर एक मोहर लगा दी जाती है जो क़यामत तक नही तोड़ी जाती है.
سُبْحَانَكَ اللهُمّ وَبِحَمْدِكَ لَا إِلَه إِلَا أَنْتَ أَسْتَغْفِرُكَ وَأَتُوب إِلَيْك
सुबहानकल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका ला ईलाहा इल्ला अन्ता अस्तागफिरुका वाअतुबू इलैक
एह अल्लाह तू अपनी तारीफ के साथ पाक हैं, तेरे सिवा कोई सच्चा माबूद नही मैं तुझ से बख्शीश तलब करता हूँ और तुझ से तौबा करता हूँ. अल-सिलसिला सहिहा, हदीस 2951 अल-मुस्तदरक सहीहैन 2005-हसन
हज़रत अबू सईद खुदरी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु अलैही वसल्लम ने फ़रमाया जिस शख्स ने वुज़ू किया फिर ये दुआ पढ़े तो उसको (जहन्नुम से) आज़ाद लोगो में लिख दिया जाता है और उस पर एक मोहर लगा दी जाती है जो क़यामत तक नही तोड़ी जाती है
سُبْحَانَكَ اللهُمّ وَبِحَمْدِكَ لَا إِلَه إِلَا أَنْتَ أَسْتَغْفِرُكَ وَأَتُوب إِلَيْك
सुबहानकल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका ला ईलाहा इल्ला अन्ता अस्तागफिरुका वाअतुबू इलैक
एह अल्लाह तू अपनी तारीफ के साथ पाक हैं, तेरे सिवा कोई सच्चा माबूद नही मैं तुझ से बख्शीश तलब करता हूँ और तुझ से तौबा करता हूँ. अल-सिलसिला सहिहा, हदीस 2951, अल-मुस्तदरक सहीहैन 2005-हसन