रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए काफी महत्व रखता है. और इस साल तो सरे राज्य में ही मुस्लिम समाज का मामूल बदल गया है.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में लोगो ने सुबह तीन बजे उठकर पहले रमजान की सेहरी की जबकि वहां का तापमान 44 से अधिक तापमान के बावजूद 15 घंटे 23 मिनट का रोज़ा रखा ये तो आम बात है लेकिन इन सब में खास बात ये थी की इन रोजेदारों में काफी संख्या में नन्हे बच्चे भी थे. जो की रोज़े रखे हुए थे.
ऐसी गर्मी और उस पर तापमान भी बहुत ज्यादा फिर भी मुसलमानो ने अपने अल्लाह को राज़ी करने के लिए अगले एक महीने के रोज़े रखे है और रख रहे है जब शाम को इफ्तार का समय होता है उस समय बाजार में काफी रौनक और काफी भीड़ नज़र आती है ये लोग दिन भर धुप में प्यास और भूख से शिद्द्त रहते है.
न्यूज़ में अनुसार यहाँ के मुसलमान सहरी में भारी पकवान नहीं लेते. बल्कि सुबह से पहले शीरमाल, फैनी, ब्रैड जैसे हल्के पकवानों से सहरी करते हैं इसके बाद मस्जिद में जाकर नमाज पड़ते है. यहाँ इनकी लम्बी लम्बी कतारे लगी होती है जब जैसी ही ये रमजान का पवित्र महीना शुरू होता है वैसे ही इबादतों का महीना भी शुरू हो जाता है.
इनकी महिलाये घर में अधिक समय इबादतों में ही निकल देती है जब परिवार के साथ इफ्तार किया जाता है. तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है रमजान के पहले जुमा की नमाज होती है. जिसके लिए विशेष तयारी की जाती हैं जो की मस्जिदों में होती है.
इस दिन सभी मुस्लिम समाज के लोग बहुत बड़ी संख्या में मस्जिद आकर अल्लाह की इबादत करते है शहर के काजी के हिसाब से इस महीने में अल्लाह की इबादत करने के लिए अल्लाह की रहमत बरसती है क्योंकि रमजान में खाना-पीना छोड़ कर अल्लाह की इबादत करने का महीना है.