हज़रत अली रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम असर से पहले 4 रकात (सुन्नत) पढ़ते थे. जामिया तिरमिज़ी, जिल्द 2, 410-हसन
इब्न उमर रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया अल्लाह सुबहानहु उस बंदे पर रहम फरमाए जो असर से पहले चार रकात (सुन्नत) पढ़े. जामिया तिरमिज़ी, जिल्द 2,411-हसन
हज़रत तमीम दारी रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया बंदे से क़यामत के रोज़ सबसे पहले नमाज़ का हिसाब होगा अगर उसकी नमाजें पूरी होंगी तो उसके नवाफिल अलग से लिख दिए जाएँगे|
और अगर उसने नमाजें पूरी नही की होंगी तो अल्लाह सुबहानहु अपने फरिश्तों से फरमाएगा देखो क्या मेरे बंदे के पास नवाफिल हैं ? तो उन नवाफिल के ज़रिए जो फराईज़ उसने ज़ाया कर दिए उनकी तकमील कर दो फिर बाक़ी आमाल का हिसाब भी इसी तरह होगा. सुनन इब्न माजा, जिल्द 1, 1426 सही
अल क़ुरान: ईमान वाले तो वो ही हैं जब अल्लाह सुबहानहु का नाम आए तो उनके दिल डर जाए और जब उसकी आयतें उन पर पढ़ी जाए तो उनका ईमान ज़ियादा हो जाता है और वो अपने रब पर भरोसा रखते हैं|
वो जो नमाज़ क़ायम करते हैं और जो हमने उन्हे रिज़क़ दिया है उसमें से खर्च करते हैं. यही सच्चे ईमान वाले हैं और उनके रब के यहाँ उनके लिए दर्जे हैं और बखशीश है और ईज्ज़त का रिज्क है. अल क़ुरान, सुराह अनफाल (8), आयत 2-4
हदीस: अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया सात तरह के लोग हैं जिन्हे अल्लाह सुबहानहु अपने (अर्श के) साए में पनाह देगा उनमें से एक वो भी है जिसने तन्हाई में अल्लाह सुबहानहु को याद किया तो उसकी आँखों से आँसू जारी हो गये| सही बुखारी, जिल्द 7, 6479