नई दिल्ली: वर्ष 2016 में मध्य प्रदेश में कुपोषण की वजह से 6 साल से कम उम्र के 64 बच्चे की हर रोज मृत्यु हो गई, जिससे भाजपा शासित राज्य को सबसे खराब बाल मृत्यु दर दिया गया है.आउटलुक इण्डिया के मुताबिक़ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की गंभीर आलोचना के बाद भाजपा को मूल आंकड़े जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।गौर का हवाला देते हुए, आउटलुक इंडिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल 116 कुपोषण वाले बच्चों की मौत हुई थी, लेकिन महिला एवं बाल विकास मंत्री (अर्चना चिटनीस) ने दावा किया है कि 2015 और 2016 के दौरान कुपोषण के कारण मृत्यु नहीं हुई थी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटणीस ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा था कि छह साल से कम उम्र के 25,440 बच्चे अपनी ज़िंदगी दस्त और खसरे जैसी बीमारियों में खो दिए हैं।
मध्य प्रदेश न केवल सबसे कम शिशु मृत्यु दर में से एक है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा मौत की दर भी है, हर साल प्रति 1,000 लोगों में से 8 से ज्यादा मौतें होती हैं।