बूचड़खानें बंद होने से रोज़ तकरीबन, 1400 करोड़ रुपये का नुकसान

अवैध बूचड़खानें बंद कराए जाने से प्रदेश में अवैध के साथ वैध मांस का कारोबार भी प्रभावित होने लगा है। इस करोबार के बंद होने से करीब 1400 करोड़ रुपये का हर दिन नुकसान हो रहा है। इस मामले को लेकर ऑल इंडिया जामियातुल कुरैशी एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात की थी।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष युसूफ कुरैशी का कहना है कि इस रोजगार से परोक्ष और अपरोक्ष रूप से तीन करोड़ 56 हजार लोग जुड़े हुए हैं। प्रदेश में करीब 2500 स्लॉटर हाउस हैं, जो सरकारी हैं। कुरैशी ने बताया कि प्रदेश में हर साल 17 हजार 500 करोड़ रुपये का सिर्फ लेदर का कारोबार है, जो पशुओं की खाल से मिलता है उससे यह राजस्व मिलता है। इसी तरह जानवरों की हड्डी का बिजनेस 750 करोड़ रुपये का है, जिसे अलग-अलग तरह से उपयोग किया जाता है। मांस से केवल पूरे उप्र में 11 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस होता है।
जो रेस्ट मटेरियल बचता है, उसका बिजनेस 350 करोड़ रुपये का होता है। हमारी मांग है कि संबंधित विभागों के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो, जिन्होंने अभी तक गलत ढंग से स्लॉटर हाउस चलने दिए। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों से नगर निकाय विभाग ने कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया है। बुचड़खाने बंद होने से इससे जुड़े करीब तीन करोड़ से अधिक लोगों के समक्ष रोजगार का संकट आ गया।

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