दिलीप पटेल @ सिंगरौली। हम आपका ऐसे हुनर से परिचित कराने जा रहे है जिसकी कल्पना आपने कभी नहीं की होगी। यह हुनर देख आप कह उठेंगे अद्भुत, अकल्पनीय और अविश्वसनीय। भले ही यह हुनर देश में चर्चा का विषय अभी नहीं बना है पर इसके कायल विदेशी जरूर हैं वे इसे विश्व का 9वां अजूबा कहते हैं। यहां बात हो रही है देश की ऊर्जाधानी सिंगरौली मप्र के छोटेसे गांव बुधेला के वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल की।
जहां के पौने 200 बच्चे दोनों हाथों से लिखने की कला के माहिर हैं। कम्प्यूटर के की बोर्ड से भी तेज रफ्तार से उनकी कलम चलती है। जिस कार्य को सामान्य बच्चे आधे घंटे में पूरा करते है उसे वह मिनटों में निपटा देते हैं। दीमाग और निगाहों से इतने मजबूत हैं कि दोनों हाथ से हिन्दी-अंग्रेजी, उर्दू और रोमन अर्थात दो भाषाओं में एक साथ लिखकर हैरत में डाल देते हैं। वैसे तो ऊर्जाधानी का यह गांव पहाड़ों से घिरा है। इलाके का रहन-सहन और पिछड़ापन देखकर अच्छी शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती है। लेकिन कोयले के अकूल भंडार में गरीबी की दलदल में मेधा का यह भंडार आश्चर्य करने वाला है।
स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है। नन्हें हाथ देवनागरी लिपि, उर्दू, स्पेनिस, रोमन, अंग्रेजी सहित छह भाषाओं में लिखते हैं। दोनों हाथों से लिखने का कम्पटीशन होता है जिस45 सेकेंड में उर्दू में गिनती, 1 मिनट में रोमन में गिनती, 1 मिनट में देवनागरी लिपि में गिनती, 1 मिनट में देवनागरी लिपि में पहाड़ा और 1 मिनट में दो भाषाओं के 250 शब्दों का ट्रांसलेशन कर देते हैंं। वीणा वादिनी स्कूल में आसपास से पोड़ी, बुधेला, पिपरा झांपी, नौगई, डिग्घी, बिहरा, राजा सर्रई आदि गांव के बच्चें यह कला सीख रहे हैं।
विडियो- मध्यप्रदेश में मिला दुनिया का 9वां अजूबा!, अजूबा भी ऐसा जिसे देख कर दुनिया रह गई हैरान ?
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