तमिलनाडु के करूर जिले में रहने वाले 18 साल के मुहम्मद रिफत शारूक़ ने कुछ कर दिखाया है जिससें पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैं अब्दुल कलाम की यादे लोगों के ज़हन में ताज़ा हो गईं। दरअसल 12 वीं के छात्र रिफत शारूक़ ने प्रायोगिक उपग्रह “फेम्टो” बनाया है। रिफत का यह आविष्कार पूरे भारत में से चुना गया एक मात्र डिज़ाइन है जिसे “एसआर 4” राकेट से अंतरिक्ष में छोड़ा जाएगा। उन्होंने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर इसे इसे डिज़ाइन किया है।
इस उपग्रह का वज़न केवल 64 ग्राम है, जो उन 80 मॉडलों में से एक है जिन्हे दुनिया के 57 देशो के युवा प्रतियोगियों द्वारा भेजे गए 86000 मॉडलों के बीच से चुना गया है| बता दें कि कुछ समय पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आईडूडल के साथ मिलकर “क्यूब्स इन स्पेस” नामक प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसमें भारत से केवल एक यही मॉडल चुना गया जिसे अन्य 79 मॉडलों के साथ अंतरिक्ष में एसआर 4 राकेट से भेजा जायेगा।
उपग्रह को थ्री-डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके प्रबलित कार्बन रेशो से बनाया गया है। इसे तैयार करने में शरूक और उनकी टीम को 2 साल का समय लगा और इसके निर्माण में एक लाख रुपयों की लागत आई। शारूक़ के नेतृत्व वाली इस टीम में विनय भरद्वाज, तनिष्क द्वेदी, यगनासै, अब्दुल काशिफ और गोबी नाथ शामिल हैं जिन्होंने ने इस उपग्रह को डिज़ाइन किया था।