पिछले 19 मार्च को देवबंद से मसूद मदनी साहब की गिरिफ़्तारी हुई,उन पर दुष्कर्म का इल्ज़ाम लगाया गया था, इस मामले में पहले दिन से ही कुछ काला लग रहा था, लेकिन मदनी ख़ानदान अपनी आलमी शोहरत और इज़्ज़त की वजह से ख़ामोश था, और फैसला अदालत के हवाले कर दिया था, मसूद मदनी साहब पिछले देढ़ महीने से जेल में थे.
और आज अचानक इस मुआमले की साज़िशों का पर्दा फ़ाश होना शुरू हो गया, सहारनपूर SSP ने बताया कि उस औरत ने अपना,पति और ससुर तीनों का नाम फर्ज़ी और झूठा लिखवाया था, और पुलिस इसकी जांच कर रही है,साथ में उस औरत के ख़िलाफ़ चार्जशीट भी दाख़िल कर रही है. सवाल ये है कि क्या मीडिया इसे भी दिखायेगा ? मसूद मदनी की गिरिफ़्तारी पर लम्बी लम्बी ख़बर चलाने वाले पत्रकार,क़लम तोड़ देने वाले तथाकथित अहल ए क़लम क्या अब इस पर भी कुछ लिखेंगें?कुछ बोलेंगें? नहीं क्योंकि असल मक़सद तो देवबंद और उलमा को बदनाम करना था.
एसएचओ देवबन्द चमन सिंह चावड़ा से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाली महिला का नाम और पता फ़र्ज़ी निकला है बाक़ी आरोप फ़र्ज़ी है या नही इसका पता जाँच के बाद चलेगा अभी इसकी जाँच चल रही है। कुछ अन्य लोगो से जब इस बारे में हमने बात की तो उन्होंने बताया कि ये मामला पूरा फ़र्ज़ी है कुछ लोग मदनी परिवार का सम्मान उनका देश की आज़ादी में योगदान तथा दारुल उलूम से जुड़ा उनका नाम इन सब कारणों की वजह से लोग मसूद मदनी को फंसा रहे हैं।