क़ाहिरा – मिस्र के प्रमुख मुफ़्ती डॉक्टर शोकी अल्लाम ने कहा है कि मुसलमानों ने जीत हासिल करने के बाद कभी किसी दूसरे धर्म के धार्मिक केन्द्रों को नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि काहिरा और अल जज़ीरा में मौजूद ईसाइयों के प्राचीन धार्मिक स्थलों का ज्यों का त्यों रहना इस बात का सबूत है कि मुस्लिम विजेताओं ने ईसाइयों को हर संभव सुरक्षा प्रदान की।
शोकी अल्लाम बताया, एक ताजा अनुसंधान में पता चला है कि देश में ईसाई समुदाय के चर्चों पर हमला करने से संबंधित 3 हजार फतवे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 90 प्रतिशत फतवे उग्रवादी समूहों द्वारा जारी किए गए हैं।
मिस्र के मुफ्ती का कहना है कि इंसानियत के दुश्मन तत्व मिस्र में मुसलमानों और ईसाइयों को आपस में लड़ाना चाहते हैं लेकिन उनकी कोशिशें सफल नहीं होंगी। एक समारोह को संबोधित करते हुए डॉ शोकी अल्लाम ने कहा कि विश्वासों के मतभेद के आधार पर नफ़रत फैलाना बिल्कुल गलत है। इस्लाम इंसानों के बीच भाईचारे के सिद्धांत पर जोर देता है।
गौरतलब है कि मिस्र में पिछले कुछ समय से ईसाइयों के इबादतगाहों को हमलों का निशाना बनाया जाता रहा है। साल 2016 के दौरान मिस्र में चर्चों पर कई हमले किए गए।
इनमें सबसे भयानक हमला काहिरा के अलअबासिया क्षेत्र में स्थित अल मर्क़सिया केथडरल चर्च का था जिसमें कम से कम 25 लोग मारे गए और 31 घायल हो गए थे.