सोशलमीडिया के गुरमीत और आसाराम : इस पोस्ट को इतना शेयर करो के सोशल मीडिया पर रहने वाली हमारी बहन-बेटियां इसको पढ़ लें

उसका फिर फोन आया , कुछ दिन पहले किसी और आईडी से उसने मुझसे संपर्क करने की कोशिश की , माफी माँगी , मैंने एक निर्दयी भाई की तरह उसे शटअप ऐन्ड गेटलाॅस्ट बोला और वह आईडी भी ब्लाॅक कर दिया। उसका नंबर भी मेरे फोन के ब्लाॅक लिस्ट में , इस बार उसने किसी और नंबर से फोन किया , मैंने फोन रिसीव कर लिया , दूसरी तरफ से सिर्फ सिसकियाँ , हिचकियाँ और रोने की हल्की सी आवाज़।
कौन ?
मैं , भाई आपकी अभागी छोटी बहन …….
ओह , फिर तुमने फोन किया ?
सिसकियों के बीच आवाज़ आई , भाई मेरी बात सुन लीजिए , मैं बहुत परेशान हूँ , आप हमेशा मेरी मदद करते थे , मुझे आपकी मदद चाहिए भाई। बहन की गलती कितनी भी बड़ी हो भाई को माफ करना ही चाहिए , मेरा मन भी उसकी सिसकियों से पसीजा , थोड़ा गुस्सा कम हुआ तो रूखे अंदाज़ में बोला जल्दी बोलो जो भी कहना है , फालतू लोगों के लिए वक्त नहीं मेरे पास…

भाई…. आज उसकी शादी में किसी का फेसबुक लाईव देखा , मैं बेचैन हूँ , परेशान हूँ , इस धोखे को कैसे बर्दाश्त करूँ ?
जैसे मुझ जैसे भाई का यकीं ना करके तुमने उस पर यकीं किया था वैसे ही बर्दाश्त कर लो भाई , मैंने थोड़े से अरसे में आप पर बहुत यकीं किया , आपकी हर बात और हर राय मानी , जो एक राय , एक बात नहीं मानी उसी में धोखा खा गयी , आज मौत को अपनाने का दिल कर रहा है तो सोचा आखिरी बार आप से बात करके माफी माँग लूँ।
एक और गलती करने जा रही हो , पहली गलती की भरपाई की जा सकती है पर इस गलती की नहीं , पहले तुमने अपने एक भाई पर यकीं नहीं किया और अब ऐसा बोल कर अल्लाह और कुरान पर अपनी बेयकीनी दिखा रही हो, खुदकुशी एक हराम मौत है , अल्लाह ने कुरान में सख्ती से मना किया है , खैर तुम यह भी करके ही मानोगी।
शायद , अल्लाह और कुरान के हवाले से उसको दी नसीहत उसके ईमान को ताज़ा कर गयी। भाई , साॅरी , माफ कर दीजिए अपनी इस बहन को , मैं बहुत मुसीबत में हूँ।

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खैरियत ? क्या हुआ ? क्या मुसीबत ?
उसके पास मेरी कुछ पिक है …….
अब है तो है , तुम्हें पिक देने से पहले यह सब सोचना चाहिए था।
भाई , मैं अब उस पर यकीं नहीं कर सकती , आपकी एक एक बातें सच साबित हुईं , उसने मेरी भी न्यूड पिक ले ली।
व्हाआआआआआट ? दिमाग तो सेट है ?
हाँ भाई , मैंने यह गलती की जिसके बारे में आपने आगाह किया था।
तुमको पिक भेजते वक्त यह बात समझ में नहीं आयी ?
वो बोलती चली गयी…. भाई , मैं पहले दिन में ही चैट करती थी , उसने रात में चैट करने का ज़ोर दिया , मैं उसके प्यार में पागल , रात में चैट करती तो पास में सोई अम्मी डाँटने लगतीं कि हर वक्त मोबाईल। उसके कहने पर मैंने बहाना करके अम्मी के रूम से अलग दूसरे रूम में सोने लगी , तन्हा , अकेले। वह बिलखती रही बोलती रही ……
उसने अपनी सम्मोहक बातों से मुझे यकीं दिला दिया कि हमारी शादी जल्दी होगी , इसलिए मुझसे कैसी शर्म ? मैं उस पर यकीं करती चली गयी और फँसती चली गयी भाई। आज , आपकी कही एक एक बात याद आ रही थी जो आपने मुझे बताया और समझाया , आज इसीलिए आपको फोन किया भाई …………..।।।
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दोस्तों , दरअसल कुछ साल पहले कुछ दोस्तों से मिलने की एक अपडेट के बाद यह लड़की पहली बार मेरे इनबाक्स में आई , और मेरी जिससे मुलाकात हुई उसके बारे में सारी मालुमात करने लगी , मैंने तभी उससे कहा कि मैं किसी के बारे में कुछ नहीं बताऊँगा , आप कहीं और से पता कर लीजिए.
15-20 दिन में लगातार मैसेज करके यह लड़की इधर उधर , अपने घर , कालेज और बचपन की बात करती और मेरी छोटी बहन जैसी बन गयी , फिर एक दिन अचानक उसने मुझसे एक सवाल किया “भाई क्या यदि मैं आपकी सगी बहन होती तो आप क्या इस बात की इजाज़त देते कि मैं उस लड़के से शादी कर लूँ ?
मैंने बस इतना कहा कि “नहीं कभी नहीं”
उसने तुरंत पूछा , वजह ? मैंने जवाब दिया , बस एक सवाल का जवाब बहुत है , इससे अधिक मैं अपनी बहन को जवाब देना ज़रूरी नहीं समझता। भाई ? आपको अल्लाह का वास्ता , आपको कुरान का वास्ता , मुझे सच बताईए , मेरी ज़िन्दगी का सवाल है.
अब मेरे एक तरफ कूँआ और दूसरी तरफ खाई के हालात , एक तरफ अल्लाह और कुरान का वास्ता तो दूसरी तरफ मेरे उसूल कि मैं क्युँ किसी फेसबुक दोस्त की कमियाँ बताऊँ। बहन, बहन की ज़िन्दगी , अल्लाह और कुरान का वास्ता एक तरफ , और दूसरी तरफ मेरे उसूल और एक फ्लर्ट फेसबुक दोस्त , जिसका काम रात भर चैटिंग करके लड़कियाँ फसाना और उनको शादी के झाँसे में फँसा कर उनकी न्यूड तस्वीरें मँगाना.
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मेरी उससे उस दिन की मुलाकात में उसने जब अपने मोबाइल में मौजूद कुछ ऐसी ही तस्वीरें मुझे दिखाईं तो मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी। मैंने उस दिन उसे जितना समझाया जा सकता था समझाया और डाँटा कि किसी की इज़्ज़त के साथ यह खिलवाड़ है , अल्लाह से डरो , उसने आगे से ऐसा ना करने का वादा भी किया , मगर उसे अल्लाह और कुरान का कोई खौफ नहीं था।
मैंने अपनी मुँह बोली बहन के भविष्य को अधिक महत्व दिया और उसे अप्रत्यक्ष रूप से यह सब बता दिया। बहन ने मुझपर यकीं किया और उससे दूर हो गयी। उस बहन का मुझ पर किया यकीं , चंद दिनों तक ही टिका , प्यार और मुहब्बत की लहरों ने फिर वही सब शुरू कराया और मेरे शातिर फेसबुक मित्र ने उससे मेरा उसे बताया सच उगलवा लिया.
मुझे फेसबुक पर गालियाँ पड़ने लगीं , उनके बीच के संबन्ध कुछ दिन टूटने की वजह मैं बन गया , उसका पूरा गिरोह मुझ पर टूट पड़ा, फर्जी स्क्रीनशाट बनाकर मुझपर आक्रमण हुआ और मेरी वह बहन अपने “भाई” के साथ होते यह सब देखते रही।
आज वह रो रही है , उसे अफसोस हो रहा है , माफी माँग रही है। जाओ बहन माफ किया , खुश रहो , शायद तुम्हारी यह कहानी फेसबुक पर मौजूद बहन बेटियों को एक सबक दे , कि यहाँ भाई-बहन के पवित्र रिश्ते नहीं निभते तो नापाक रिश्ते कैसे निभेंगे ? सोशलमीडिया के दरिंदों से सावधान रहिए , इलाहाबाद में 4-5 दिन पहले ऐसे ही कुकर्मो के कारण कुछ लड़के गिरफ्तार भी हुए हैं। • एक काल्पनिक कथा Mohd Zahid भाई की वाल से.