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मऊ. कहां जाएं, क्या करें, परिवार का पेट कैसे भरेंगे, जिन्दगी जीने के लिये पैसा चाहिये और पैसा कमाने के लिये रोजगार। पुश्तों से जो काम किया उसे वैसे ही कैसे छोड़ दें।
अगर छोड़ भी दें तो पेट पालने का दूसरा कोई जरिया भी तो नहीं। जो बंद करा रहे हैं उन्हें हमारे जीने का इंतजाम भी करना होगा। ये उन लोगों के अल्फाज हैं जो गोश्त के कारोबार से जुड़े हैं। अब जबकि यूपी में बीजेपी सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद धड़ाधड़ बूचड़खानों को बंद किये जाने का क्रम शुरू हो गया है तो उन्होंने भी अपने सवाल उठाए हैं। वीडियो में देखें मुसलमान कसाइयों ने कैसे सवाल खड़े किये।