एंकर टेक्स्ट क्या है और SEO में इसका महत्व

जब आप किसी लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उस लिंक का लिखित हिस्सा ही एंकर टेक्स्ट कहलाता है। सर्च इंजन इस टेक्स्ट को पढ़कर समझते हैं कि वह लिंक किस बारे में है। अगर आप सही शब्द चुनें, तो गूगल आपकी साइट को उस कीवर्ड के लिए रैंक कर सकता है। इसलिए एंकर टेक्स्ट को अनदेखा नहीं करना चाहिए, इसे सोच‑समझ कर इस्तेमाल करना चाहिए।

एंकर टेक्स्ट के प्रकार

एंकर टेक्स्ट के कई रूप होते हैं। सबसे पहले सटीक मिलान एंकर, जहाँ कीवर्ड बिल्कुल वही होता है जो आप रैंक करना चाहते हैं। दूसरा आंशिक मिलान, जहाँ कीवर्ड का कुछ हिस्सा या समानार्थी शब्द होते हैं। फिर ब्रांड एंकर, जिसमें कंपनी या वेबसाइट का नाम होता है, जैसे "इस्लामिक विश्व भारत"। अंत में न्यूट्रल एंकर जैसे "यहाँ क्लिक करें" या "और पढ़ें"—ये कम SEO वैल्यू देते हैं, लेकिन कभी‑कभी उपयोगी होते हैं।

एंकर टेक्स्ट को सही तरीके से इस्तेमाल करने की टिप्स

1. वैरिएशन रखें – हर लिंक को एक ही शब्द नहीं देना चाहिए, नहीं तो गूगल इसे ‘स्पैम’ समझ सकता है।
2. प्राकृतिक लगें – जब आप अपने कंटेंट में लिंक डालते हैं, तो एंकर को वाक्य के साथ फिट होना चाहिए, नहीं तो पढ़ने वाले को अजीब लगेगा।
3. रिलेटेड कीवर्ड चुनें – यदि आपके पेज पर ‘करिया कार्बन’ के बारे में बात है, तो एंकर में ‘इको‑फ्रेंडली कारें’ जैसे शब्द बेहतर होते हैं।
4. ब्रांड एंकर इस्तेमाल करें – अपने खुद के साइट लिंक पर ब्रांड नाम का एंकर डालें, इससे ब्रांड की पहचान मजबूत होती है।
5. आंतरिक लिंकिंग का बेहतर उपयोग – अपनी साइट के पुराने लेखों को नए लेख से जोड़ें, इससे पेजव्यू बढ़ता है और SEO भी सुधरता है।

ध्यान रखें कि एंकर टेक्स्ट को ओवर-ऑप्टिमाइज़ करना भी नुकसानदेह हो सकता है। अगर आप लगातार एक ही कीवर्ड को एंकर में डालते रहेंगे, तो सर्च इंजन इसे ‘कीवर्ड स्टफ़िंग’ मान कर सजा कर सकता है। इसलिए संतुलन जरूरी है—कुछ कीवर्ड, कुछ ब्रांड, और कुछ न्यूट्रल एंकर मिलाकर प्रयोग करें।

अगर आप ब्लॉग लिखते हैं या कोई इ‑कॉमर्स साइट चलाते हैं, तो एंकर टेक्स्ट को अपनी कंटेंट प्लान में शामिल करना शुरू कर दें। हर पोस्ट में कम से कम दो‑तीन आंतरिक लिंक डालें, और बाहर की साइटों से लिंक करते समय ‘डॉमेइन अथॉरिटी’ वाला एंकर चुनें। इससे आपके पेज की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

आख़िर में, एंकर टेक्स्ट सिर्फ एक लिंक का शब्द नहीं, बल्कि सर्च इंजन को बताया गया संकेत है कि वह लिंक क्या बताता है। इसे सही ढंग से इस्तेमाल करने से आपकी साइट का ट्रैफ़िक, रैंकिंग और यूज़र एंगेजमेंट सभी में सुधार आएगा। तो अगली बार जब आप लिंक डालें, तो एंकर टेक्स्ट को समझदारी से चुनें—आपको फर्क दिखेगा।

भारतीय समाचार एंकर और संपादक का औसत वेतन क्या है? भारतीय समाचार पोर्टल

भारतीय समाचार एंकर और संपादक का औसत वेतन क्या है?

भारतीय समाचार दूरसंचार और मीडिया क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय समाचार एंकर और संपादकों के लिए औसत वेतन काफी कम है। भारत के सभी प्रमुख मीडिया संस्थानों में समाचार एंकरों और संपादकों के लिए औसत वेतन रु. 10,000 से रु. 20,000 तक होता है। इसके अलावा, उन्हें अतिरिक्त भुगतान भी मिलता है।

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