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हाल ही में मुम्बई हाइकोर्ट ने मुंबई की समंदर के बीच स्थित दरगाह पर महिलाओं के प्रवेश लगी पाबंदी पर दखल देते हुए। महिलाओं के प्रवेश की इजाज़त दे दी थी। जिस पर बरेली की मशहूर दरगाह आलाहज़रत ने कोर्ट के फैसले को अंतिम और सर्वमान्य मानते हुए इस फैसले का स्वागत किया है.
मगर दुसरी और आलाहज़रत ट्रस्ट ने कहा की इस्लाम के सिद्धन्तो के अनुसार महिलाओं का दरगाह का में जाना सही नहीं है. कुरआन हदीस से मालूम करने पर यह पता चला की किसी बी तरह से महिलाओं का दरगाह कब्र पर जाना सही नहीं है.
अब कोर्ट के फैसले को मानना हमारा फ़र्ज़ है हम किसी बी तरह से कोर्ट के फैसले का विरोध नहीं करते मगर जो परंपरा चली आ रही है उन परंपराओं का ध्यान रखते हुए हम मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील करते है की वह अपनी महिलाओं को दरगाह तक न आने दे.
जिससे दरगाह का वकार कायम रह सके दरगाह अला हजरत के मौलवी जनाब राजा कादरी ने कहा की किसी भी तरह से महिलाओं का दरगाह और कब्र पर जाना शरीयत के खिलाफ है.
जल्द ही दरगाह आलाहज़रत ट्रस्ट इस केस की दोबारा सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है
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