एक बार मराठा सेनाएं टीपू सुल्तान पर आक्रमण करने श्रीरंगपट्टनम गईं मराठा सेनाएं कौन से धर्म की हैं -हिंदू धर्म और टीपू सुल्तान – मुसलमान। क्या लड़ाई हिंदू-मुसलमान की थी या राज्यसत्ता की? ;-राज्यसत्ता की।
अब यह सेनाएं मिली दोनों में लड़ाई हुई और यह लड़ाई बिना हार जीत के फैसले के समाप्त हो गई बिना हार जीत का फैसला यानी ड्रा हो गई जिस तरह क्रिकेट का मैच ड्रा हो जाता है, मराठा सेना वापस आ रही थी बड़े गुस्से में थी कि हम गए तो थे टीपू सुल्तान को हराने टीपू सुल्तान को हम हरा नहीं पाए तो आते वक्त उन्होंने क्या षड्यंत्र रचा?;- उन्होंने वापस आते वक्त टीपू सुल्तान के राज्य के श्रीरंगपट्टनम मंदिर को तोड़ दिया; मराठा सेनाओं ने हिंदू मंदिर क्यों तोड़ा – टीपू सुल्तान का अपमान करने के लिए या हिंदु धर्म का अपमान करने के लिए?
टीपू सुल्तान ने उस मंदिर की मरम्मत कराई;टीपू सुल्तान ने मंदिर की मरम्मत क्यों कराई – हिंदू धर्म को उठाने के लिए, उत्थार के लिए या प्रजा की भावनाओं का ख़्याल करते हुए उनकी भावनाएं सहेजने के लिए ?
मराठा सेना ने मंदिर तोडा ताकि टीपू सुल्तान की छवि ख़राब की जा सके जो आज कर रखी है।
टीपू सुल्तान ने मंदिर की मरम्मत प्रजा की धार्मिक भावनाओं का आदर कर उनकी भावनाएं सहेजने के लिए।
आज के शासक हैं कि धार्मिक भावनाएं भड़का कर धार्मिक स्थल को तोड़ते हैं, और धर्म विषेश को निशाने पर रखते हैं।
टीपू सुल्तान वाहिद ऐसे हिन्दोस्तानी राजा थे जो अंग्रेजों से लड़ते हुए देश के लिए शहीद हो गए, और साज़िशें ऐसे मुस्लिम शासकों को बदनाम करने की तो कैसे होगा देश का उत्थार जहाँ सभ्यताओं को ही ख़त्म और इतिहास को बदला जा रहा है देश वासियों को बांटा जा रहा है।
इतिहास नहीं रच पाए इसलिए साज़िश रचते हो
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