अजमेर की दरगाह पर साल 2007 में हुए बम विस्फोट के दोषियों को शनिवार को सजा सुनाई जाएगी। स्थानीय अदालत ने इस मामले में सजा का ऐलान दो दिनों के लिए टाल दिया। इस विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने आठ मार्च को भवेश पटेल, देवेंद्र गुप्ता और सुनील जोशी (अब मृत) को दोषी ठहराया था और सजा सुनाने के लिए 16 मार्च की तारीख तय की थी, लेकिन गुरुवार को इसे टाल दिया गया।
इस बात की पुष्टि आईएएनएस से भवेश पटेल के वकील लोकेश शर्मा ने की। अदालत ने बीते सप्ताह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वामी असीमानंद और छह अन्य को इस मामले से बरी कर दिया था, जबकि तीन अन्य को दोषी ठहराया था। कुल 13 अभियुक्तों में से तीन अब भी लापता हैं।बता दें कि सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह परिसर में 11 अक्टूबर, 2007 को हुए बम विस्फोट में तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि 15 अन्य घायल हो गए थे। पुलिस ने शुरू में इस हमले के लिए इस्लामिक आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन बाद में असीमानंद के इकबालिया बयान के बाद जांच हिन्दू चरमपंथियों पर केंद्रित हो ग
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